दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायु प्रदूषण (delhi pollution) की स्थिति को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली में प्रदूषण के हालात और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की ज्यादा जरूरत को देखते हुए दिल्ली सरकार (DDMA) ने निर्णय़ किया है कि अब हर कोच में 30 यात्री खड़े होकर सफर कर सकेंगे. अभी तक केवल 100% सिटिंग कैपेसिटी के हिसाब से ही यात्रियों को यात्रा करने की इजाजत थी.दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) में 100% सीटिंग कैपेसिटी हो सकेगी. डीडीएमए ने यह फैसला किया है कि
डीटीसी और क्लस्टर की बसों में 100% सीटिंग कैपेसिटी के अलावा सिटिंग क्षमता के साथ 50% यात्री खड़े होकर सफर कर सकेंगे.दिल्ली में ज्यादा लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर कर सकें इसलिए दिल्ली सरकार ने DDMA से नियमों में छूट देने की अपील की थी, DDMA ने अपील स्वीकार करते हुए रियायत दी है.
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया था. साथ ही मेट्रो, बस जैसे सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में यात्रा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने को भी कहा था. दिल्ली वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने भी पिछले हफ्ते तमाम निर्देश जारी किए थे. इसमें भी दिल्ली एनसीआर में मेट्रो और बस सेवा का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए थे.
दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत एनसीआर के तमाम क्षेत्रों में प्रदूषण से विकट हालात को देखते हुए स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं. निर्माण गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया गया है. डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक है. आयोग ने दिल्ली के आसपास 11 कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में 5 के ही इस्तेमाल करने का भी आदेश जारी किया था.
दरअसल, अक्टूबर-नवंबर के महीने में पराली जलने, आतिशबाजी, सर्दी से जुड़े कारणों आदि से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है. अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली में बसों से यात्रा को बढ़ावा देने के लिए एक हजार प्राइवेट बसें किराये पर लेने का निर्णय़ भी किया है.
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