अब बिना डॉक्टर के मिनटों में होगी दांतों की जांच, मोबाइल पर मिलेगी रिपोर्ट

यह AI तकनीक पर आधारित कांटैक्टलेस स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम है, जिससे मरीज खुद से ही अपनी ओरल हेल्थ रिपोर्ट तैयार कर सकता है. इसका इस्तेमाल करना भी बहुत ही आसान है.

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अब दांतों की जांच के लिए न लंबी लाइन लगाने की ज़रूरत है, न ही डॉक्टर के पास जाने की. डेंटल केयर में अब तकनीक की नई क्रांति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित स्मार्ट डेंटल मशीन 'ScanO Air' के रूप में आई है. यह मशीन महज 2 मिनट में आपके दांतों और मसूड़ों की जांच कर, रिपोर्ट सीधे आपके मोबाइल पर भेज देती है. दिल्ली के मौलाना आजाद इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज में इस अत्याधुनिक मशीन को स्थापित किया गया है, जो दांतों की जांच के पारंपरिक तरीके को पूरी तरह बदल रही है. मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर रूपल श्रीवास्तव ने बताया कि यह मशीन बेहद तेज और आसान है. इसमें कोई इंस्ट्रूमेंट मुंह में नहीं डाला जाता, कैमरा खुद दांत स्कैन करता है. मरीज के लिए यह बहुत सुरक्षित और सुविधाजनक है.

कैसे काम करती है 'स्कैनओ एयर' मशीन?

यह AI तकनीक पर आधारित कांटैक्टलेस स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम है, जिससे मरीज खुद से ही अपनी ओरल हेल्थ रिपोर्ट तैयार कर सकता है. इसका इस्तेमाल करना भी बहुत ही आसान है. जैसे ही मरीज मशीन के पास पहुंचेगा वह खुद उसके इस्तेमाल के लिए गाइड करेगी. सबसे पहले मरीज को मशीन के पास जाकर खड़ा होगा. फिर अपना मोबाइल नंबर, नाम, लिंग और उम्र का जानकारी उसमें भरनी होगी. फिर मशीन के बाहर लगा कैमरा खुद से आपके सामने के दांतों को स्कैन कर तस्वीर लेगा. दूसरे चरण में नीचे के दांत और फिर आखिरी तीसरे चरण में ऊपर के दांतों को स्कैन किया जाएगा. कुल मिलाकर मशीन का कैमरा तीन चरणों में दांतों की स्कैनिंग करेगा और एआई तकनीक दांतों की स्थिति का विश्लेषण कर हेल्थ रिपोर्ट तैयार करेगी. यह रिपोर्ट मरीज को उसके व्हाट्सऐप नंबर पर मिलेगी. पूरी तरह से स्वदेशी यह मशीन 16 भाषाओं में जवाब देती है. इसे कहीं भी इन्स्टॉल किया जा सकता है और ओरल कैविटी से जुड़ी सभी जांच कराई जा सकती है. 

ओरल कैविटी से जुड़ी सभी बीमारी की जांच करेगी मशीन 

संस्थान के समग्र दंत चिकित्सा विभाग प्रमुख डा. ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि एआई तकनीक से युक्त यह मशीन ओरल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शुरुआती स्तर पर पता लगाने में सक्षम है. इसके अलावा, अन्य ऐसी बीमारी जो सामान्य जांच में पकड़ में नहीं आतीं, उन्हें भी यह स्कैन कर सकती है. उन्होंने कहा कि इस मशीन की खास बात है कि यह पोर्टेबल है यानी इसे कहीं भी ले जा सकते हैं. इसे कैंप से लेकर ऑफिस, मॉल, बस स्टॉप और एयरपोर्ट में भी इन्स्टॉल किया जा सकता है. इसका लाभ यह हैं कि मरीज रिपोर्ट लेकर सीधे डॉक्टर के पास इलाज के लिए जा सकता है.

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क्यों जरूरी है यह तकनीक?

भारत में ओरल हेल्थ को लेकर जागरूकता की कमी है. समय पर जांच न होने से दांतों की छोटी समस्याएं गंभीर बन जाती हैं. ऐसे में यह मशीन न केवल जांच को आसान और तेज बनाती है, बल्कि लोगों में ओरल हेल्थ के प्रति जागरूकता भी बढ़ाती है.
 

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