लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की घर लौटने की जद्दोजहद पर बोलीं प्रियंका गांधी- फिर उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया

प्रियंका और राहुल गांधी ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला है. प्रियंका ने कहा कि सरकार ने मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. उन्होने एक ट्वीट किया और साथ में कई तस्वीरें भी शेयर कीं. उन्होंने सरकार से मजदूरों के हाथों में सीधे पैसे डालने की वकालत की.

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दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद ऐसी दिखी तस्वीर.
नई दिल्ली:

कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित दिल्ली में सोमवार की रात 10 बजे से लॉकडाउन लागू है. सोमवार को दिन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घोषणा के कुछ घंटों के भीतर ही दिल्ली से वापस अपने गृह राज्यों की ओर जाने वाले लोगों का रेल और बस स्टेशनों पर हुजूम लग गया था. ये तस्वीरें देखकर बिल्कुल एक साल पहले की तस्वीरें याद आ गईं, जब केंद्र सरकार ने अचानक लॉकडाउन की घोषणा की थी और फिर प्रवासियों के पलायन का सिलसिला शुरू हो गया था. 

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला है. प्रियंका ने कहा कि सरकार ने मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. उन्होने एक ट्वीट किया और साथ में कई तस्वीरें भी शेयर कीं, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे प्रवासी लोग लॉकडाउन के बाद से अपने घर जाने की जद्दोजहद कर रहे हैं.

एक तस्वीर आनंदविहार की है, जिसमें लोगों की तादाद इतनी ज्यादा है कि सुई रखने भर की भी जगह नहीं दिख रही है. स्टेशन के बाहर का पुल लोगों से अटा पड़ा है. प्रियंका ने ट्वीट कर सवाल किया, 'कोविड की भयावहता देखकर ये तो स्पष्ट था कि सरकार को लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाने पड़ेंगे लेकिन प्रवासी श्रमिकों को एक बार फिर उनके हाल पर छोड़ दिया. क्या यही आपकी योजना है?'

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कांग्रेस नेता ने इस संकट में लोगों की मदद के लिए उनके हाथ में नकदी रखने की कांग्रेस के सुझाव की फिर वकालत की. उन्होंने कहा कि 'नीतियां ऐसी हों जो सबका ख्याल रखें. गरीबों, श्रमिकों, रेहड़ी वालों को नकद मदद वक्त की मांग है. कृपया ये करिए.'

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बता दें कि राहुल गांधी ने भी इस पर ट्वीट किया और गरीब-मजदूरो को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की मांग रखी. उन्होंने ट्वीट कर यह भी कहा कि केंद्र सरकार कोविड के फैलने का ठीकरा लोगों पर फोड़ दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'प्रवासी एक बार फिर पलायन कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि उनके बैंक खातों में रुपये डाले. लेकिन कोरोना फैलाने के लिए जनता को दोष देने वाली सरकार क्या ऐसा जन सहायक क़दम उठाएगी?'

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बता दें कि लॉकडाउन के बाद लोगों को डर है कि ट्रेन और बसें बंद हो जाएंगी, जिसके बाद उनके पास घर जाने का रास्ता भी नहीं बचेगा. वहीं पिछली बार की तरह लॉकडाउन में वो अपना रोजगार और आवास भी खो देंगे और फिर उन्हें अपनी रोजी-रोटी के लिए भी मोहताज होना पड़ेगा. पिछले साल के लॉकडाउन का दंश अभी दूर भी नहीं हुआ है, ऐसे में इस लॉकडाउन ने लोगों को डरा दिया है. हालांकि, केजरीवाल ने कल कहा था कि बस छोटा लॉकडाउन है और प्रवासी वापस न लौटें लेकिन कोरोना की अनिश्चितता के आगे प्रवासी वापस अपने घर लौटने को ही बेहतर रास्ता मान रहे हैं.

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