दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद ने दिल्ली शराब नीति मामले (Delhi Liquor Policy Scam) में ED के सभी 9 समन और दिल्ली जल बोर्ड मामले में ED के 1 समन को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में चुनौती दी थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने ED को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय के जवाब पर अपना प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को एक हफ्ते का समय दिया गया है. मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.
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ED के समन को हाई कोर्ट में चुनौती
आम आदमी पार्टी का कहना है कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने ED क़ानून की कई धाराओं को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. ED द्वारा जारी 9 समन को भी चुनौती दी गई. अदालत ने ED के भारी विरोध के बावजूद उनसे जवाब तलब किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर उसके सामने पेश नहीं हुए.
CM केजरीवाल को 9वां समन
वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने समन को 'गैरकानूनी' बताया और केंद्र सरकार पर केजरीवाल को निशाना बनाने और उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए ईडी का "इस्तेमाल'' करने आरोप लगाया. वहीं जांच एजेंसी ने केजरीवाल को नौवां समन जारी करके उन्हें 21 मार्च को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा है.
हाई कोर्ट ने ED से किया जवाब तलब
बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम अरविंद केजरीवाल को अब तक 9 समन भेज चुकी है. पिछले 8 समन के दौरान वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए, अब नौवें समन पर 21 मार्च को बुलाया है. इस बीच सीएम केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर सभी समन को चुनौती दी है. अब अदालत ने ईडी से ही जवाब तलब कर लिया है.
क्या है दिल्ली शराब नीति मामला?
दिल्ली सरकार नवंबर 2021 में राजधानी के शराब विक्रेताओं के लिए एक नई नीति लेकर आई थी. नई नीति के तहत सरकारी दुकानों की बजाय शराब के स्टोर बेचने के लिए प्राइवेट पार्टियों को लाइसेंस के लिए आवेदन करने की परमिशन दी गई थी. दिल्ली सरकार का कहना था कि नई नीति लाने से शराब की कालाबाजारी रुकेगी, दिल्ली सरकार का राजस्व बढ़ेगा और ग्राहकों को फायदा होगा. केजरीवाल सरकार की नई नीति में शराब की दुकानों को आधी रात के बाद भी खुले रहने की परमिशन दी गई थी. शराब विक्रेताओं को बिना किसी लिमिट के डिस्काउंट देने की भी परमिशन दी गई थी. नई नीति आने के बाद कई निजी शराब दुकानों की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई और दिल्ली सरकार ने कलेक्शन में 27 प्रतिशत की वृद्धि का दावा किया था.