Delhi IGI Airport Tech Glitch: दुनिया के सबसे व्यस्तम एयरपोर्ट में से एक दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (IGI ) पर आज अचानक से उड़ानों के संचालन में समस्या देखी गई. इसे पहले तो एटीसी यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम का सर्वर डाउन बताया गया लेकिन बाद में जानकारी दी गई कि आटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम में कुछ तकनीकी खराबी है, जिसके कारण विमानों का संचालन सही से नहीं हो पा रहा है. हालांकि शुक्रवार, रात करीब 9 बजे AAI ने बताया कि खराबी को ठीक कर लिया गया है. सभी सेवाएं बहाल हो चुकी हैं.
हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं कि क्या हुआ? किस वजह से हुआ? किस पर इसका असर पड़ा? विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं? कौन-से पहलू अभी स्पष्ट नहीं हैं और यात्री अब क्या करें?
दिल्ली एयरपोर्ट पर क्या हुआ?
नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गुरुवार रात के बाद, शुक्रवार को सुबह से ही उड़ानों में भारी देरी हुई. इसकी वजह एयर नेविगेशन सिस्टम में तकनीकी खराबी बताई गई. यह खराबी ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में आई, जो उड़ानों की जानकारी और प्लानिंग के लिए बेहद अहम सिस्टम है.
किस वजह से खराब हुआ सिस्टम?
ये तकनीकी खराबी कैसे आई, इसकी अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में साइबर अटैक और मालवेयर की बात कही गई लेकिन सरकारी सूत्रों ने इसे गलत करार दिया.
'AMSS सिस्टम अब वापस चालू हो चुका है'
हालांकि, ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम करीब 15 घंटे के बाद ठीक हुआ. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने एक्स पर लिखा कहा, "दिल्ली हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन में ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में तकनीकी समस्या के कारण देरी हुईं, जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल डेटा का समर्थन करता है. कंट्रोलर उड़ान योजनाओं को मैन्युअली प्रोसेस कर रहे थे, जिससे कुछ देरी हुईं. हालांकि AMSS सिस्टम अब वापस चालू हो चुका है लेकिन पहले से जमा हुए काम को खत्म करने में थोड़ा समय लगेगा. इसलिए, कुछ उड़ानों में अभी भी हल्की देरी रह सकती है. बहुत जल्द स्थिति पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद है."
कितना हुआ असर?
एएमएसएस सिस्टम बंद होने के बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को फ्लाइट प्लान मैन्युअली प्रोसेस करने पड़े. इससे काम धीमा हो गया और उड़ानों की आवाजाही प्रभावित हुई. एयरपोर्ट से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में 700 के करीब उड़ानों पर असर पड़ा. इसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानें शामिल हैं. विमानों के टेक ऑफ में देरी के कारण एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ गई और यात्रियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा.
दिल्ली की देरी का असर दूसरे एयरपोर्ट पर
आमतौर पर दिल्ली एयरपोर्ट से एक घंटे में लगभग 60 उड़ानें उड़ान भरती हैं, वहां अब सिर्फ 10–15 उड़ानें प्रति घंटा हो पा रही हैं. वहीं, दिल्ली की देरी का असर मुंबई एयरपोर्ट सहित अन्य बड़े एयरपोर्टों पर भी पड़ा, जहां उड़ानों में देरी देखने को मिली.
' मैन्युअली काम की वजह से हो रही देरी'
कैप्टेन शरत पनिकर ने कहा कि, "पूरे देश के मौसम केंद्रों से आने वाली मौसम की जानकारी, जो सामान्यतः ATIS सिस्टम के जरिए पायलटों को तुरंत मिलती है, वह जानकारी भी मैन्युअली दी जा रही है. हालांकि विमान उड़ जाने के बाद कोई बड़ी दिक्कत नहीं रहती, लेकिन उड़ान को रनवे से उड़ाने की प्रक्रिया अब धीमी हो गई है. इसी कारण देर हो रही है."
फेडरेशन ऑफ़ इंडियन पॉलीटिशियन (FIP) के अध्यक्ष कैप्टन सीएस रंधावा ने कहा, " तकनीकी समस्या ठीक होने के बाद अभी विमानों के सही से संचालन में थोड़ा और समय लग सकता है लेकिन अगर यह सिस्टम ठीक नहीं हुआ होता तो कैप लगाना पड़ सकता था."
यात्री अब क्या करें?
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपने एयरलाइन से संपर्क में रहें और उड़ान की ताजा स्थिति की जानकारी लेते रहें. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एयरलाइन्स यात्रियों से अनुरोध किया है कि वह अपनी यात्रा करने से पहले अपने उड़ान की ताजा स्थिति की जानकारी लेते रहें.














