दिल्ली हाईकोर्ट ने जन स्वास्थ्य पर धुएं रहित तंबाकू के 'प्रत्यक्ष और हानिकारक प्रभावों' को ध्यान में रखते हुए शहर में गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू और इसी तरह के उत्पादों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की सोमवार को पुष्टि की.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा वाली एक पीठ ने उच्च न्यायालय के एक एकल न्यायाधीश के सितंबर 2022 के उस फैसले के खिलाफ केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा दायर अपील स्वीकार करते हुए उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें प्रतिबंध रद्द कर दिया गया था.
अदालत ने कहा कि अधिसूचनाओं को रद्द करने का 'कोई औचित्य नहीं है' और 2015 से 2021 तक जारी प्रतिबंधात्मक अधिसूचनाओं के खिलाफ तंबाकू उद्योग इकाइयों द्वारा उठायी गई आपत्तियों को खारिज किया जाता है.
पीठ ने कहा, ‘‘हम विद्वान न्यायाधीश द्वारा दिए गए विवादित फैसले को बनाए रखने में खुद को असमर्थ पाते हैं. इन अपीलों को स्वीकार किया जाता है. हम (प्रतिबंध के खिलाफ) डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 3362/2015 में उठाई गई चुनौती में कोई दम नहीं पाते. इसे खारिज किया जाता है.''