दिल्ली हाईकोर्ट ने डिजिटल मीडिया के नियमन के लिए बने नए आईटी नियमों पर रोक लगाने से मना कर दिया है. कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इस वक्त ऐसा आदेश पारित करने के याचिकाकर्ताओं के तर्क से सहमत नहीं है.‘द वायर', क्विंट जैसी साइटों के संचालक प्रावदा मीडिया फॉउंडेशन ने आईटी नियम 2021 पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. इन कंपनियों का कहना था कि उन्हें एक ताजा नोटिस जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि उन्हें नियमों का पालन करना होगा अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
हाईकोर्ट ने कहा कि इन कंपनियों को केवल अधिसूचना का पालन करने के लिए नोटिस जारी किया गया था, जिस पर कोई रोक नहीं है.कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहते हैं तो हम एक विस्तृत आदेश जारी कर देंगे या अगर आप चाहते हैं तो हम इसे रोस्टर पीठ के सामने दोबारा अधिसूचित कर देंगे. कंपनियों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नित्या रामकृष्णन ने कोर्ट से अनुरोध किया कि अवकाश के बाद अदालत खुलने पर मामले को सूचीबद्ध किया जाए.
कोर्ट ने रोक लगाने के आवेदनों को रोस्टर पीठ के समक्ष 7 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया. संशोधित आईटी नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग कंपनियों को विवादास्पद सामग्री को तेजी से हटाना होगा, शिकायत निवारण अधिकारियों को नियुक्त करना होगा और जांच में सहायता करनी होगी. आईटी नियमों की वैधता को लेकर दायर नई याचिका पर अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को चार हफ्ते के भीतर याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है.
मामले को चार अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया है.उस दिन दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई होनी है. आईटी नियमों पर रोक के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि मामला रोस्टर पीठ के सामने तीन बार सुनवाई के लिए आया था और याचिकाकर्ताओं को उसी समय रोक का अनुरोध करना चाहिए था.कोर्ट ने कहा कि मामला 27 मई को भी सामने आया था, तब भी आपको अंतरिम राहत नहीं मिली थी. अभी प्राधिकारी केवल नियमों को लागू कर रहे हैं. अब आपको जो नोटिस जारी की गई है, वह नियमों के पालन के लिए है क्योंकि उन पर रोक नहीं है.