''आप अपना समय लेते रहें और लोग मरते रहें'': ऑक्‍सीजन संकट पर HC की केंद्र को खरी-खरी, 10 बातें..

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने ऑक्‍सीजन संकट को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश की राजधानी दिल्‍ली सहित कई राज्‍यों के अस्‍पताल इस समय ऑक्‍सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं.

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दिल्‍ली सहित कई राज्‍यों के अस्‍पताल इस समय ऑक्‍सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं
नई दिल्ली:

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने ऑक्‍सीजन संकट को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश की राजधानी दिल्‍ली सहित कई राज्‍यों के अस्‍पताल इस समय ऑक्‍सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं और देश में कोरोना के एक्टिव केसों मी संख्‍या 21. 5 लाख के पार पहुंच गई है.

नजर डालते हैं हाईकोर्ट के तीखे कमेंट पर..
  1. सरकार जमीनी हकीकत को लेकर इतनी बेखबर क्‍यों है? आप ऑक्‍सीजन की कमी के कारण लोगों को इस तरह मरने नहीं दे सकते.आप अपना समय लेते रहें और लोग मरते रहें.
  2. आप इंडस्‍ट्री को लेकर चिंतित है जबकि मर रहे हैं. (ऑक्‍सीजन को लेकर) यह अपने आप में इमरजेंसी जैसे हालात हैं, इसके मायने हैं कि सरकार के लिए इंसान की जिंदगी कोई मायने नहीं रखती.
  3. आज स्थिति यह है कि अस्‍पताल 'ड्राई' हालत हैं. हमारी चिंता का कारण केवल दिल्‍ली नहीं है. हम जानना चाहते है कि पूरे भारत में ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई को लेकर केंद्र क्‍या कर रहा है? 
  4. याचिका पर हैरान मत होइए. आपको हकीकत को समझना चाहिए. 
  5. ऑक्‍सीजन की जरूरत कई बार बढ़ी है. यह केंद्र की जिम्‍मेदारी है कि वह पर्याप्‍त सप्‍लाई सुनिश्चित करे. जो भी हम उन्‍हें जीवन के मौलिक अधिकार की रक्षा का निर्देश देते हैं.
  6. यदि टाटा अपने स्‍टीट प्‍लांट से उत्‍पादित ऑक्‍सीजन को  डायवर्ट कर सकते हैं तो अन्‍य क्‍यों नहीं? क्‍या इंसानियत का कोई मतलब नहीं हैं? सरकार स्‍टील और पेट्रोलियम इंडस्‍ट्रीज से ऑक्‍सीजन डायवर्ट कर सकती है जो उनके इस्‍तेमाल के लिए प्रोड्यूस की जा रही है. 
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  8. कल हमने पेट्रोलियम और स्‍टील इंडस्‍ट्री के ऑक्‍सीजन के बारे में बात की थी, आपने क्‍या किया है?'
  9.  'नतीजा क्‍या है? हमें इन फाइलों को लेकर फर्क नहीं पड़ता. इंडस्‍ट्री मदद के लिए तैयार है. आपके पास अपनी पेट्रोलियन कंपनियां है, एयरफोर्स है, हमने कल कई आदेश दिए थे, आपने पूरे दिन क्‍या किया?'
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  11. सरकार जमीनी हकीकत को देखकर 'जाग' क्‍यों नहीं रही? हम हैरान हैं, यह क्‍या हो रहा है?
  12. कृपया हालात की गंभीरता पर गौर करें. हजारों जान खतरे में हैं. क्‍या आप हजारों लोगों को इस तरह मरने देना चाहते हैं. इसके बजय आप चाहते हैं, स्‍टील प्‍लांट चलते रहें.
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