दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने तिहाड़ जेल के कैदी अंकित गुज्जर की हत्या (Ankit Gujjar murder case) के मामले में तिहाड़ जेल के डीजी को निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि पांच कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. इन पांच कैदियों पर अपना बयान बदलने के लिए दबाव पड़ सकता है. पांच कैदियों में से तीन फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं और दो अंतरिम जमानत पर हैं. ये दोनों कैदी 24 सितंबर को सरेंडर करेंगे. हाईकोर्ट ने डीजी तिहाड़ जेल को स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने को कहा है कि जो तीन कैदी तिहाड़ जेल में बंद हैं उनकी सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं और जो दो कैदी सरेंडर करने वाले हैं उन्हें किस तरीके से जेल में सुरक्षित रखेंगे. साथ ही डीजी तिहाड़ जेल ने अपनी स्टेट्स रिपोर्ट में दो कैदियों से मारपीट के मामले में एमएलसी रिपोर्ट का भी ब्यौरा देंगे. इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी.
तिहाड़ जेल के कैदी और गैंगस्टर अंकित गुर्जर की हत्या के मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है. दिल्ली होईकोर्ट ने ये आदेश दिया था. मृतक कैदी अंकित गुजर के परिजन लगातार कोर्ट से मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस के जांच से असंतुष्ट थी और यह आदेश पारित किया गया. मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी. अंकित गुर्जर की तिहाड़ जेल में हत्या के मामले में जेल नंबर 3 के सुपरिटेंडेंट नरेंद्र कुमार मीणा और अन्य अज्ञात जेलकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया था.
गुर्जर की मां की शिकायत पर हरि नगर थाने में मामला दर्ज किया गया था. अंकित गुर्जर की 30 अगस्त को कर हत्या करने का आरोप है. अंकित के घर वालों के मुताबिक, मीणा एक लाख रुपये मांग रहा था, जिसमें 50 हज़ार रुपये दे दिए गए थे. बाकी की रकम नहीं देने पर उसे मार डाला गया. जेल कर्मियों का कहना है कि अंकित गुर्जर के पास मोबाइल फोन मिला था. इसके बाद विवाद हुआ और अंकित ने उपाधीक्षक पर हमला कर दिया. अंकित गुर्जर पर जेल स्टॉफ ने किसी तरह काबू किया. इस हाथापाई में अंकित गुर्जर घायल हुआ और बाद में उसकी मौत हो गई.