राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को दूर करने के लिए पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त जलापूर्ति की मांग वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट के मुताबिक न्यायमूर्ति पी. के. मिश्रा और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ तीन जून को मामले की सुनवाई करेगी.
अपनी याचिका में, आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने मांग की है कि इस साल गर्मी के मौसम में तापमान में वृद्धि के कारण शहर में पानी की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया जाए.
इस बीच, दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्रियों क्रमश: नायब सिंह सैनी और योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का अनुरोध किया है.
इससे पहले, आतिशी ने पानी की कमी के मुद्दे पर केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से कहा था कि हरियाणा को यमुना नदी में दिल्ली के हिस्से का पानी तुरंत छोड़ना चाहिए, ताकि नदी का जल स्तर सामान्य हो सके.
आतिशी ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लिखे पत्र में कहा, "दिल्ली अपनी पानी की दैनिक मांग को पूरा करने के लिए यमुना नदी के पानी पर बहुत अधिक निर्भर है. लेकिन, हरियाणा की ओर से यमुना में आवश्यक मात्रा में पानी नहीं छोड़ने से वजीराबाद बैराज में जल स्तर में भारी गिरावट आई है. इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी में पानी का संकट पैदा हो गया है." उन्होंने कहा कि दिल्ली में तापमान लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, इससे पानी की मांग और बढ़ गई है.
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