दिल्ली टु देहरादून @ 2.30 घंटे, दिसंबर में गुड न्यूज, टोल-रूट हर बात जानिए

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे से आसपास के इलाके के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होगें. साथ ही राजमार्ग से जुड़े क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इस एक्सप्रेस-वे से उत्तराखंड में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा.

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ये एक्सप्रेस-वे बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर से होकर गुजरेगा.
नई दिल्ली:

उत्तराखंड को जल्द ही नया एक्सप्रेस-वे मिलने वाला है. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का काम लगभग पूरा हो चुका है. उम्मीद की जा रही है कि इस साल दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे जनता के लिए खुल जाएगा और लोग महज 2.5 घंटे में दिल्ली से देहरादून का सफर तय कर सकेंगे. इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय 4 घंटे तक कम हो जाएगा. साथ ही पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार भी मिलेगी.

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा इस साल के अंत तक खुलने की उम्मीद है. जबकि पूरा एक्सप्रेसवे मई 2025 में पूरा होने वाला है. एक्सप्रेसवे पर कुल 25 किलोमीटर एलिवेटेड रोड होगी. जिसमें से 6 किलोमीटर खुला और 14 किलोमीटर सुरंगों में. छह लेन वाला यह हाईवे प्राचीन वन क्षेत्र से होकर गुजरेगा.

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे की खासियत

  1. इस एक्सप्रेस-वे से दोनों शहरों की दूरी 235 किलोमीटर से घटकर 210 किलोमीटर रह जाएगी.
  2. 210 किलोमीटर की दूरी को 6.5 घंटे की जगह मात्र 2.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा.
  3. ये एक्सप्रेस-वे बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर से होकर गुजरेगा.
  4. एक्सप्रेस-वे के हर 25-30 किलोमीटर की दूरी पर यात्रियों के लिए सुविधाएं होंगी.
  5. छात्रों के लिए सुरक्षित क्रासिंग भी हाइवे पर बनाए गए हैं.
  6. एक्सप्रेस-वे को 100 किमी प्रति घंटे की गति के लिए डिज़ाइन किया गया है. 
  7. ये एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड वन्यजीव गलियारा (12 किमी) और पशु अंडरपास होगा.
  8. एक्सप्रेसवे से हरिद्वार तक 51 किलोमीटर का लिंक भी मिलेगा.
  9. ये एक्सप्रेस-वे 12 हजार करोड़ से अधिक की लागत से बन रहा है.
  10. इसमें कुल छह लेन होंगी.

दिल्ली में कहां से होगा शुरू

6 लेन वाले ये एक्सप्रेसवे दिल्ली से अक्षरधाम से शुरू होगा, गीता कॉलोनी, शमशान घाट (कैलाश नगर), सोनिया विहार, विजय विहार और मंडोला में सात प्रवेश बिंदु होंगे. वहीं खजूरी चौक, सोनिया विहार, विजय विहार निकास बिंदु होंगे. वहीं उत्तर प्रदेश से दिल्ली आने वाले यातायात के लिए मंडोला, विजय विहार और पांचवां पुश्ता प्रवेश द्वार होंगे, जबकि यात्री मंडोला, लोनी, विजय विहार, शमशान घाट (कैलाश नगर), गीता कॉलोनी और अक्षरधाम से बाहर निकल सकेंगे. ये एक्सप्रेस-वे बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर से होकर गुजरेगा.

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आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार

सरकार के अनुसार इलाके के लोगों के लिए रोजगार के अवसप पैदा होगें. साथ ही राजमार्ग से जुड़े क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इस एक्सप्रेसवे से उत्तराखंड में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा.

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कितना लगेगा टोल टैक्स

सूत्रों के अनुसार दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक टोल टैक्स नहीं चुकाना होगा. कहा जा रहा है कि शुरुआती 18 किलोमीटर तक टोल नहीं वसूला जाएगा. उसके आगे ही टोल टैक्स देना होगा. टोल कितने का लेगा, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है.

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पर्यावरण का भी रखा ख्याल

इ एक्सप्रेस वे को बना रहे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अनुसार, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के लगभग 16 किलोमीटर लंबे खंड पर 7,575 पेड़ काटे गए हैं और इसकी भरपाई के लिए 1.76 लाख से अधिक पेड़ लगाए जाने हैं. पहले इस एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होने की उम्मीग पिछले साल (2023) थी. 

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