दिल्ली की अदालत ने जैकलीन फर्नांडीज को उसकी अनुमति के बगैर देश से बाहर जाने की अनुमति दी

फर्नांडीज को जमानत देते हुए न्यायाधीश ने उन्हें उसकी पूर्व अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया था. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले में, मैंने पाया है कि आरोपी भारतीय फिल्म उद्योग में एक अभिनेत्री हैं और उनहें खास स्थितियों में अक्सर विदेश यात्रा करनी पड़ती है. पेशेवर अवसरों का लाभ उठाने के लिए उन्हें संक्षिप्त सूचना पर देश से बाहर जाना पड़ता है.’’

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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज और कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज 200 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में जमानत की शर्तों को संशोधित करते हुए फर्नांडीज को उसकी पूर्व अनुमति के बगैर देश से बाहर जाने की अनुमति दे दी है. अदालत ने फर्नांडीज को उसकी पूर्व अनुमति लेने के बजाय देश छोड़ने से कम से कम तीन दिन पहले उसे और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचित करने का निर्देश दिया.

पिछले साल 15 नवंबर को फर्नांडीज को जमानत देने वाले विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र मलिक ने आदेश में कहा कि पेशेवर अवसरों का लाभ उठाने के लिए अभिनेत्री को अल्पकालिक सूचना पर विदेश यात्रा करने की आवश्यकता है और उन्होंने अब तक जमानत की शर्तों का कभी उल्लंघन नहीं किया है. न्यायाधीश ने 10 अगस्त को पारित एक आदेश में जमानत की शर्त को संशोधित करते हुए कहा कि देश से बाहर जाने से पहले अदालत की पूर्व अनुमति लेना ‘‘आजीविका गंवाने का एक कारण बन सकता है.''

फर्नांडीज को जमानत देते हुए न्यायाधीश ने उन्हें उसकी पूर्व अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया था. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले में, मैंने पाया है कि आरोपी भारतीय फिल्म उद्योग में एक अभिनेत्री हैं और उनहें खास स्थितियों में अक्सर विदेश यात्रा करनी पड़ती है. पेशेवर अवसरों का लाभ उठाने के लिए उन्हें संक्षिप्त सूचना पर देश से बाहर जाना पड़ता है.''

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उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की स्थिति में, देश छोड़ने से पहले उसकी पूर्व अनुमति लेना जटिल हो गया है और यह आजीविका गंवाने का एक कारण हो सकता है.'' न्यायाधीश ने कहा कि फर्नांडीज श्रीलंका की नागरिक हैं, लेकिन वह 2009 से भारत में रह रही हैं और उस वर्ष से नियमित रूप से आयकर अदा कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई दृष्टांत नहीं है कि आरोपी ने जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन किया हो. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी की अर्जी स्वीकार की जाती है.''

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