- दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत और कई घायल हो गए हैं, परिवारों में मातम छा गया है
- 2005 में सरोजिनी नगर ब्लास्ट में कई लोगों ने अपनों को खोया था, जो अब पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं
- अशोक रंधावा और सुरेंद्र कुमार मदद के लिए लाल किले मॉर्चुरी के बाहर पहुंच हैं और सहयोग कर रहे हैं
20 सालों का फासला लेकिन दिल्ली के कई परिवारों का दर्द एक है. दिल्ली के लाल किला के पास सोमवार, 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग घायल हैं. ये लोग अपने पीछे मातम मनाते परिवारों को छोड़ गए हैं, जिनपर अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. ऐसे में उनकी मदद करने वो लोग पहुंच रहे हैं जिन्होंने 20 साल पहले दिल्ली के अंदर ठीक यही दर्द महसूस किया था, अपनों को एक घातक ब्लास्ट में खो दिया था.
दिल्ली में साल 2005 में सरोजिनी नगर में ब्लास्ट हुआ था जिसमें 50 लोग मारे गए थे. सरोजिनी नगर के रहने वाले अशोक रंधावा ने 2005 ब्लास्ट में बड़ा करीब से देखा था, जबकि उनके साथ ही एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे सुरेंद्र कुमार ने उस ब्लास्ट में अपने बड़े भाई को खो दिया था. ये दोनों मॉर्चुरी के बाहर लाल क़िले ब्लास्ट के पीड़ितों को मदद देने आए हैं. अशोक रंधावा ने कहा कि ऐसे ब्लास्ट में कई पीड़ित परिवार ऐसे होते हैं जो दिल्ली के बाहर होते हैं और उनको अपनों के शवों को घर ले जाने के लिए मदद की जरूरत होती है. अशोक रंधावा का कहना है कि वो ऐंबुलेंस से लेकर लोगों को दिल्ली में रुकने और खाने पीने की मदद करने के लिए पहुंचे हैं.
एनडीटीवी इंडिया के रिपोर्टर रविश रंजन (दाएं) के साथ अशोक रंधावा (बांए)
अशोक रंधावा बताते हैं कि सरोजिनी नगर ब्लास्ट में 50 लोग मारे गए थे लेकिन वो खुशकिस्मत रहे कि दो मिनट पहले ही उस जगह से हटे थे और उनकी जान बच गई थी. लेकिन दिल्ली में जैसे ही एक और बड़ी ब्लास्ट की खबर आई है, उनके जख्म ताजा हो गए हैं. वहीं सुरेंद्र कुमार के बड़े भाई की मौत हो गई थी वो भी सुबह सुबह LNJP मॉर्चुरी के बाहर मदद करने के लिए पहुंचे हैं.
एनडीटीवी इंडिया के रिपोर्टर रविश रंजन (सबसे दाएं) के साथ अशोक रंधावा (बीच में) और सुरेंद्र
विस्फोट से 3 घंटे पहले तक लाल किले के पास पार्किंग में खड़ी थी कार
दिल्ली पुलिस ने लाल किले के पास हुई कार धमाके की जांच तेज कर दी है. पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में कुछ अहम जानकारी मिली है, जिसके आधार पर संदिग्ध वाहन की गतिविधियों का पता चल रहा है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, सीसीटीवी से पता चलता है कि सफेद रंग की आई-20 कार दोपहर करीब 3 बजकर 19 मिनट पर लालकिला पार्किंग में आकर खड़ी हुई थी. यह करीब तीन घंटे तक वहीं खड़ी रही और शाम लगभग 6 बजकर 48 मिनट पर पार्किंग से बाहर निकली. उस समय इलाके में काफी भीड़ थी.
पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि यह कार वहां किसने लाकर खड़ी की, कार में कौन-कौन बैठा था, और इसे बाद में कौन लेकर गया. जांच दल यह भी पता लगा रहा है कि कार कहां से आई, कैसे लाल किला तक पहुंची और बाद में किस रास्ते से आगे बढ़ी. पुलिस ने आसपास की सड़कों और पार्किंग टोल प्लाज़ा सहित 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं. जांचकर्ता वाहन के पूरे रास्ते का भी पता लगा रहे हैं, जैसे कि वह कहां से आई, वह लाल किले की पार्किंग में कैसे पहुंची, और बाद में वह स्मारक के ठीक सामने स्थित ट्रैफिक सिग्नल की ओर कैसे पहुंची.













