दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना का कोई नाम नहीं, केजरीवाल कैबिनेट ने लगाई मुहर

केंद्र की आपत्ति के बाद दिल्ली सरकार ने इस योजना का नाम ही खत्म करने का फैसला किया. यानी अब केजरीवाल सरकार आटा, चीनी, चावल को घर-घर पहुँचाएगी. दिल्ली कैबिनेट की तरफ से मंज़ूर हुए इस प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
योजना का नाम बदलने के बावजूद केजरीवाल सरकार आटा, चीनी, चावल को घर-घर पहुँचाएगी.
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में डोर-टू-डोर राशन की डिलीवरी करने वाली योजना का अब कोई नाम नहीं होगा. इस पर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने आज कैबिनेट में मुहर लगा दी. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक दिल्ली सरकार अब केंद्र सरकार के दिए हुए अनाज को राशन की दुकान की जगह लोगों के घर पहुँचाएगी. पहले इस योजना का नाम 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' था. 

केंद्र सरकार ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि यह योजना केंद्र सरकार की योजना नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत आती है जिसमें कोई भी बदलाव केवल संसद कर सकती है ना कि राज्य, इसलिए दिल्ली सरकार इस योजना का ना तो नाम बदल सकती है और ना ही इसको किसी और के साथ मिक्स कर सकती है.

आधार कार्ड से नहीं जुड़े होने के कारण 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए जाने का मामला 'बेहद गंभीर' : सुप्रीम कोर्ट

इसके बाद दिल्ली सरकार ने इस योजना का नाम ही खत्म करने का फैसला किया. यानी अब केजरीवाल सरकार आटा, चीनी, चावल को घर-घर पहुँचाएगी. दिल्ली कैबिनेट की तरफ से मंज़ूर हुए इस प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा था कि मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना शुरू होने जा रही थी. अबतक दुकान से राशन मिलता था, लंबी लाइन में लगना पड़ता था और लोगों को तरह-तरह की परेशानियां होती हैं. सरकार ने समाधान निकालते हुए आटा-चावल पैक करके घर भिजवाने का फैसला किया था. 25 मार्च से इस योजना को लागू होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने लागू करने से इनकार कर दिया, हमें धक्का लगा है.

RJD सांसद ने की रद्द किए गए 3-4 करोड़ राशन कार्ड बहाल करने की मांग, कहा - भुखमरी से एक भी मौत...

Advertisement

केजरीवाल ने बताया कि केंद्र ने 'पत्र में लिखा है कि इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन नहीं रख सकते हैं. हम यह योजना नाम बनाने या क्रेडिट लेने के लिए नही चला रहे हैं. क्रेडिट केंद्र का और काम हमारा.' उन्होंने बताया कि अब इस योजना का कोई नाम नहीं होगा, ये फैसला सुबह अधिकारियों के साथ बैठक में लिया गया है. उन्होंने कहा कि 'उम्मीद है कि केंद्र सरकार की आपत्ति इससे दूर हो गयी होंगी और आगे इस योजना को लागू करने देगी.'

Featured Video Of The Day
Jawahar Lal Nehru के निधन के 6 साल बाद अलमारी से क्या मिला । Hidden Secrets । Indira Gandhi