दिल्ली धमाका मामले के संदिग्ध पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड की पत्नी के थे संपर्क में - सूत्र

पुलिस सूत्रों के अनुसार उमर की पत्नी अफिराह बीबी जैश की नई लॉन्च की गई महिला ब्रिगेड, जमात-उल-मोमिनत का एक प्रमुख चेहरा है.

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  • डॉ. शाहीन सईद जिसे अल-फलाह विश्वविद्यालय में कार्यरत पाया गया था, उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
  • शाहीन सईद जमात-उल-मोमिनत की भारतीय शाखा स्थापित करने और कट्टरपंथी महिलाओं की भर्ती का काम संभाल रही थीं
  • शाहीन सईद के परिवार और सहकर्मियों का कहना है कि वह उदारवादी थीं और अक्सर बिना बताए काम से निकल जाती थीं
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नई दिल्ली:

दिल्ली बम धमाके को लेकर दिल्ली समेत देश के कई राज्यों की पुलिस की जांच जारी है. इस धमाके के बाद से ही पुलिस संदिग्ध लोगों की लगातार गिरफ्तारी भी कर रहे हैं. साथ ही पुलिस अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फंडिंग की भी जांच कर रही है. इन सब के बीच दिल्ली धमाके में पकड़े गए संदिग्धों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार दिल्ली धमाके को लेकर जिन लोगों को अभी तक पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमें से कई पुलवामा आतंकी हमले के मास्टमाइंड की पत्नी के संपर्क में थे. 

अभी तक की जांच में पता चला है कि डॉ.शाहीन सईद जैश कमांडर और पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की पत्नी अफिराह बीबी के संपर्क में थे. जांच में पता चला है कि जैश प्रमुख मसूद अज़हर का भतीजा उमर फारूक 2019 पुलवामा हमले के मद्देनजर एक मुठभेड़ में मारा गया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 कर्मियों की जान चली गई थी.

पुलिस सूत्रों के अनुसार उमर की पत्नी अफिराह बीबी जैश की नई लॉन्च की गई महिला ब्रिगेड, जमात-उल-मोमिनत का एक प्रमुख चेहरा है. दिल्ली में विस्फोट से कुछ हफ़्ते पहले, अफिरा ब्रिगेड की सलाहकार परिषद शूरा में शामिल हो गई. सूत्रों ने बताया कि वह मसूद अज़हर की छोटी बहन सादिया अज़हर के साथ काम करती है और दोनों शाहीन सईद के संपर्क में थीं. 

डॉ. शाहीन सईद, जो फ़रीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में एक वरिष्ठ डॉक्टर के रूप में कार्यरत थी, को उनकी कार में असॉल्ट राइफलें और अन्य गोला-बारूद पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था. जांच में पाया गया कि शहीद सईद को जमात-उल-मोमिनत की भारतीय शाखा स्थापित करने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए कट्टरपंथी महिलाओं की भर्ती करने का काम सौंपा गया था.

लखनऊ के रहने वाले शाहीन सईद ने अल-फलाह विश्वविद्यालय में शामिल होने से पहले कई मेडिकल कॉलेजों में काम किया था. अब तक की जांच के मुताबिक, वह सितंबर 2012 से दिसंबर 2013 तक कानपुर के एक मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी विभाग की प्रमुख थीं. उनके पासपोर्ट विवरण से पता चला कि वह 2016 से 2018 तक दो साल तक यूएई में रहीं. शाहीन सईद के सहकर्मियों ने कहा है कि वह अक्सर बिना किसी को बताए काम से निकल जाती थीं.

शाहीन सईद की शादी डॉक्टर डॉ. हयात जफर से हुई थी, लेकिन 2012 में वे अलग हो गए. उनके दो बच्चे हैं, जो डॉ. जफर के साथ रहते हैं. उनके पूर्व पति ने कहा है कि अलग होने के बाद से वह उनके संपर्क में नहीं हैं. 

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डॉ. शाहीन के पिता ने कहा  कि उन्हें विश्वास नहीं है कि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकती है. वह कभी भी विशेष रूप से धार्मिक नहीं थी, और वह एक उदारवादी थी. वह चाहती थी कि हम ऑस्ट्रेलिया या यूरोप में बस जाएं. उसके बाद हम अलग हो गए. उन्होंने पहले कहा कि ऑस्ट्रेलिया जाने को लेकर हमारे बीच मतभेद थे. मेरे बच्चे उससे बात नहीं करते. वह पल्मोनोलॉजी की प्रोफेसर थीं. उसने 2006 में अपनी डिग्री पूरी की. 

पता चला है कि शाहीन अक्सर कक्षाएं छोड़ देती थी और विश्वविद्यालय के अधिकारियों को उसके खिलाफ शिकायतें भी मिली थीं. वह कॉलेज की कोर कमेटी की सदस्य भी थीं. जांचकर्ताओं ने अब विश्वविद्यालय के अधिकारियों से उसकी उपस्थिति का विवरण मांगा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह कक्षा में कब उपस्थित थी. 

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