- रविवार दोपहर दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर बीएमडब्ल्यू कार ने बाइकसवार दंपती को टक्कर मारी थी.
- दुर्घटना में वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी को भी बुरी तरह चोटें आईं.
- इस घटना के बाद सड़क पर दो तरह की तस्वीरें दिखीं. कुछ लोग इग्नोर कर आगे बढ़ गए, कुछ ने मदद का हाथ बढ़ाया.
Delhi BMW Accident: रविवार की दोपहर दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर बीएमडब्ल्यू कार के बाइकसवार दंपती को टक्कर मारने के बाद सड़क पर जगह-जगह खून की छींटें बिखरे पड़े थे. 17 से 40 सेकेंड तक के कुछ वीडियो फुटेज सामने आए हैं, जिन्हें देख आपका दिल दहल जाएगा. बाइक सवार नवजोत सिंह कार के बगल में पड़े थे, जबकि पीछे बैठीं उनकी पत्नी 15 फुट दूर जा गिरी थीं. आप अंदाजा लगा सकते हैं, टक्कर कितनी जबर्दस्त रही होगी. नवजोत को जब तक अस्पताल ले जाया गया, उनका शरीर, एक लाश बन चुका था. एक एक्सीडेंट और पल भर में जिंदगी, मौत में तब्दील. बुरी तरह घायल हुईं उनकी पत्नी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं.
संवेदनहीनता भी दिखी, संवेदना भी
रिंग रोड पर उस दौरान मानवीय संवेदना और संवेदनहीनता, दोनों साथ-साथ दिख रही थीं. कुछ 'ओह' और 'आह' बोलकर निकल लिए. कुछ ने वीडियो बनाया और चले गए. लेकिन कुछ मानवता की मिसाल भी बने, दिखाया कि इंसानियत अभी मरी नहीं है. वे घायलों की मदद करते दिखे. ये उस वक्त का दृश्य है, जब कोई मौत के करीब है और मदद की छोटी-छोटी, संगठित कोशिश किसी को मौत के करीब से खींचकर जिंदगी की ओर ला सकती है.
'कुछ लोगों को बस अपनी पड़ी है'
वहां से गुजर रहे कुछ लोगों के लिए वो महज एक एक्सीडेंट था, जो राष्ट्रीय राजधानी समेत देशभर के शहरों में रोजमर्रा की घटना है. ऐसे लोगों को घर-ऑफिस पहुंचने की जल्दी थी. सड़क पर खून से लथपथ कुछ लोग पड़े हैं, लेकिन उनकी नजर पड़ी और वे हल्की जुबान से 'आह्ह' करते हुए निकल गए. उन्हें शायद अपनी पड़ी थी. वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग सड़क पर पड़े घायलों को इग्नोर कर अपने गंतव्य की ओर बढ़े जा रहे थे. कुछ ने सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए रुककर वीडियो बनाया और फिर निकल गए.
इंसानियत अभी मरी नहीं है
अक्सर बड़े शहरों पर आरोप लगते हैं कि यहां मानवीय संवेदनाएं मर चुकी हैं. लोगों को लोगों से वास्ता नहीं रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है. इसी दुर्घटना स्थल पर उसी समय इंसानियत की भावना के साथ कुछ लोग आगे आए. वे न केवल रुके, बल्कि घायलों को बचाने के लिए जद्दोजहद करते दिखे. एक वीडियो में कुर्ती-सलवार में एक महिला दिख रही हैं, जो सड़क पर पलटी हुई बीएमडब्ल्यू कार में घुसने से भी परहेज करती नहीं दिखीं.
महिला कार में घुसती हैं और घायलों को खींच बाहर लाने की कोशिश करती हैं. उनके साथ कुछ और लोग भी हैं. इस दुर्घटना में किसकी गलती रही होगी, कौन जिम्मेवार होगा... महिला यहां ये सब नहीं सोचतीं. वो बस बचा लेना चाहती हैं उन्हें, जो भी बचाए जा सकें.
आखिर हुआ क्या था?
रिंग रोड पर दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास रविवार को एक बीएमडब्ल्यू कार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे अधिकारी की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी समेत तीन अन्य घायल हो गए. पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव नवजोत सिंह (52) के रूप में हुई है. वह हरि नगर के निवासी थे. पुलिस ने बताया कि दोपहर में धौला कुआं-दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन मार्ग पर मेट्रो पिलर संख्या 67 के पास यातायात जाम होने की तीन पीसीआर कॉल प्राप्त हुईं. उन्होंने बताया कि पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और देखा कि एक बीएमडब्ल्यू कार सड़क के एक तरफ और एक मोटरसाइकिल सड़क के डिवाइडर के पास खड़ी है.
महिला चला रही थी कार
सोमवार दोपहर BMW चलाने वाली महिला गगनप्रीत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस वीलचेयर में बैठे-बैठे उन्हें अपने साथ ले गई.
प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि कार एक महिला चला रही थी और उस कार ने पीछे से मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. पुलिस का कहना है कि सिंह मोटरसाइकिल चला रहे थे और उनकी पत्नी पीछे बैठी थीं. कार चला रही महिला और उसके साथ मौजूद उसके पति ने सिंह एवं उनकी पत्नी को टैक्सी से अस्पताल पहुंचाया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के कारण कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. बाद में अस्पताल ने पुलिस को बताया कि सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी (50) का इलाज चल रहा है.
पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में बीएमडब्ल्यू चला रही महिला और उसके पति भी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनके बयान अभी दर्ज नहीं किए गए हैं. दोनों गुरुग्राम निवासी हैं. कार चालक का पति व्यवसाय करता है.
बेटे ने कहा- बच सकती थी पिता की जान
सिंह के बेटे ने बताया कि उनके माता-पिता बंगला साहिब गुरुद्वारा से लौट रहे थे और खाने के लिए कर्नाटक भवन में रुके थे. उन्होंने बताया, 'जब यह हादसा हुआ, तब वे धौला कुआं होते हुए हरि नगर जा रहे थे. उन्हें पास के अस्पताल ले जाने के बजाय दुर्घटनास्थल से लगभग 22 किलोमीटर दूर एक अस्पताल ले जाया गया. मेरी मां के सिर में चोट आई, जबकि उन्होंने हेलमेट पहना हुआ था और उनकी जांघ की हड्डी टूट गई.' उन्होंने अपने माता-पिता को भर्ती करने में अस्पताल प्रशासन की ओर से लापरवाही बरते जाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि उनकी मां को गंभीर हालत के बावजूद अस्पताल की लॉबी में बैठाया गया, जबकि बीएमडब्ल्यू चालक के पति को मामूली चोटें आईं थीं, जिन्हें तुरंत भर्ती कर लिया गया. उन्होंने कहा, 'इस लापरवाही और देरी के कारण मेरे पिता की मौत हो गयी और मेरी मां दर्द से चीखती रहीं.'