दिल्ली ब्लास्ट की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को एक और चौंकाने वाला सुराग मिला है. सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को उसके नेटवर्क के लोग ‘मैडम सर्जन' के नाम से बुलाते थे. उसका व्हाट्सऐप डेटा खंगालने पर पता चला है कि दो मोबाइल नंबरों से उसे सबसे ज्यादा मैसेज और कॉल आते थे. लेकिन दोनों नंबरों पर न प्रोफ़ाइल फोटो है, न ही किसी की पहचान.
इन दोनों नंबरों को डॉ. शाहीन ने अपने फोन में मैडम एक्स और मैडम जेड के नाम से सेव कर रखा था.
कोडवर्ड में बातचीत, ‘मेडिसिन' ही असल में विस्फोटक?
जांच में सामने आया है कि बातचीत में 'मेडिसिन' शब्द बार-बार इस्तेमाल हुआ है. एजेंसियों को शक है कि यह शब्द असल में विस्फोटकों या ब्लास्ट मैटेरियल के लिए कोडवर्ड था. मैडम एक्स की ओर से आए एक मैसेज में लिखा था,'ऑपरेशन के लिए मेडिसिन कम नहीं पड़नी चाहिए.' सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यहां ‘ऑपरेशन' शब्द का इस्तेमाल आतंकी हमले को दर्शाने के लिए किया गया होगा.
‘ऑपरेशन हमदर्द'- महिला आतंकियों की भर्ती का कोड?
दूसरा मैसेज मैडम जेड की ओर से आया था. इसमें लिखा था, 'मैडम सर्जन, आप हमदर्द ऑपरेशन पर ज्यादा ध्यान दीजिए.' एजेंसियों के मुताबिक, ऑपरेशन हमदर्द नामक कोडवर्ड का इस्तेमाल महिला आतंकियों की भर्ती और ट्रेनिंग के लिए किया जा रहा था.
कौन हैं मैडम एक्स और मैडम जेड?
जांच अब इन दो नंबरों की पहचान पर केंद्रित है. सुरक्षा एजेंसियां यह जांच रही हैं कि क्या ये दोनों महिलाएं किसी आतंकी मॉड्यूल की कोर मेंबर हैं? क्या ये विदेशी लिंक हैं? या फिर दिल्ली और यूपी में फैले किसी स्थानीय स्लीपर सेल की संचालक? इन दोनों नंबरों की लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और पेमेंट पैटर्न खंगाला जा रहा है.
गहरी प्लानिंग कर रही थी शाहीन?
शाहीन को मैडम सर्जन कहकर बुलाना, हमलों को ऑपरेशन, विस्फोटकों को मेडिसिन, और भर्ती को हमदर्द ऑपरेशन कहना. यह साफ संकेत है कि नेटवर्क बेहद संगठित, पेशेवर और खतरनाक था.














