- डॉ. मोहम्मद उमर ने धमाके से पहले परिवार से दूरियां बनाकर फोन बंद कर रखा था और अक्सर गायब रहता था
- उमर ने धमाके के दिन लाल किले के पास करीब तीन घंटे तक पार्किंग में रुककर संदिग्ध गतिविधि की थी
- जांच में उमर का रूट मयूर विहार, कनॉट प्लेस और लाल किले के आसपास पाया गया है
जरूरी काम कर रहा हूं, मुझे डिस्टर्ब मत करो... यही वो लाइन थी जो दिल्ली को दहला देने वाले ब्लास्ट से पहले संदिग्ध सुसाइड बॉम्बर डॉ. मोहम्मद उमर अक्सर अपने परिवार से कहता था. उमर का रहस्यमयी सफर और उसकी चुप्पी अब जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सवाल बन गई है. सूत्रों के मुताबिक, उमर महीनों तक अपने परिवार से बात नहीं करता था, फोन बंद कर देता था और गायब हो जाता था. उसने वादा किया था कि सोमवार को घर आएगा, लेकिन उससे पहले ही उसने लाल किले के पास धमाका कर राजधानी को हिला दिया.
क्या ये सिर्फ एक ब्लास्ट था या इसके पीछे कोई बड़ा प्लान छिपा था? NDTV ने उमर के रूट को डिकोड किया है मयूर विहार से कनॉट प्लेस और फिर लाल किला. हर पड़ाव पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या उमर का टारगेट सिर्फ लाल किला था या दिल्ली के दिल में कुछ और खतरनाक साजिश चल रही थी?
"जरूरी काम कर रहा हूं..."
दिल्ली ब्लास्ट के मास्टरमाइंड माने जा रहे डॉ. मोहम्मद उमर की जिंदगी रहस्य से भरी थी. परिवार से महीनों तक दूरी, फोन बंद रखना और बार-बार गायब होना ये उसकी आदत थी. सूत्रों के मुताबिक, उमर हमेशा यही कहता था कि वह "जरूरी काम" कर रहा है और उसे डिस्टर्ब न किया जाए. सोमवार को घर आने का वादा करने वाला उमर, उससे पहले ही राजधानी को दहला गया.
उमर का रूट आया सामने
NDTV की जांच में उमर का रूट सामने आया है. ब्लास्ट से पहले वह मयूर विहार फेज-1 पहुंचा. सवाल ये है कि वहां क्यों गया? खास बात ये है कि मयूर विहार से कुछ ही दूरी पर अक्षरधाम मंदिर है. क्या उमर का प्लान इससे बड़ा था? इसके बाद वह कनॉट प्लेस गया. वहां उसने गाड़ी का PUC चेक करवाया. साफ है कि उमर किसी भी चेकिंग से बचने के लिए पूरी तैयारी के साथ आया था. जांच एजेंसियां अब कनॉट प्लेस के अंदर और बाहर के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं.
अंत में उमर लाल किले के पास पार्किंग में करीब तीन घंटे तक रुका. शाम 6:57 बजे उसने धमाका किया. सवाल ये है कि तीन घंटे तक वह क्या कर रहा था? क्या किसी का इंतजार कर रहा था या आखिरी बार प्लान को फाइनल कर रहा था? उमर का ये सफर और उसकी चुप्पी अब दिल्ली पुलिस और एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा रहस्य है.













