इमाम इरफान अहमद... एक ऐसा व्यक्ति है जिसकी पहचान फरीदाबाद मॉड्यूल के मास्टरमाइंड के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर मेडिकल छात्रों को कट्टरपंथी बना रहा था. इरफान अहमद जम्मू-कश्मीर के शोपियां का निवासी है और उसे जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सात लोगों में शामिल किया गया है. वह श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ था और छात्रों के साथ लगातार संपर्क में रहता था. इसके अतिरिक्त, वह नौगाम की एक मस्जिद में इमाम भी था.
मेडिकल छात्रों को धीरे-धीरे कट्टर विचारधारा की ओर मोड़ा
खुफिया सूत्रों के अनुसार, उसने छात्रों को कट्टरपंथ की राह पर धकेलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर फरीदाबाद के मेडिकल छात्रों को धीरे-धीरे कट्टर विचारधारा की ओर मोड़ा. माना जाता है कि वह जैश-ए-मोहम्मद से प्रभावित था और छात्रों को उसके वीडियो दिखाता था, साथ ही VOIP कॉल्स के माध्यम से अफगानिस्तान में बैठे लोगों के संपर्क में भी था. उसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के दिमाग में कट्टरपंथी सोच को गहराई तक बैठाना था, जिसे कथित तौर पर डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. मोहम्मद उमर आगे बढ़ा रहे थे. यह भी दावा किया गया है कि दिल्ली ब्लास्ट को डॉ. मोहम्मद उमर ने फरीदाबाद मॉड्यूल के पर्दाफाश होने के बाद घबराहट में अंजाम दिया था और उमर का सीधा संबंध मौलवी इरफान अहमद से जुड़ा हुआ था.
इस मॉड्यूल की फाइनेंसर और मददगार के रूप में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन सईद की पहचान हुई है, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रही थी और कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात अल मोमिनात की भारत की कमांडर है.
राजधानी दिल्ली में हुए बम धमाके के बाद देशभर में हाई अलर्ट है, ऐसे में महाराष्ट्र ATS का ठाणे जिले में यह कार्रवाई करना मामले की गंभीरता को और बढ़ा देता है. फिलहाल, जिस शिक्षक के घर पर ATS ने छापा मारा है, उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है.














