दिल्ली ब्लास्ट: उमर को बताया नेटवर्क हेड, NIA की पूछताछ में शाहीन-मुजम्मिल ने क्या कुछ कबूला

गाड़ी खरीदने के लिए उमर ने उससे पैसे मांगे थे, जिस पर उसने 3 लाख रुपए दिए. जांच एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, शाहीन ने करीब 26 लाख रुपए की फंडिंग इस नेटवर्क को की थी। इन पैसों का उपयोग विस्फोटक खरीदने में किया गया था. (एनडीटीवी के लिए जितेंद्र बेनीवाल की रिपोर्ट)

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  • एनआईए की पूछताछ में सामने आया कि दिल्ली ब्लास्ट आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड डॉ. उमर नबी था
  • डॉ. शाहीन और डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार कर करीब 25 दिनों से NIA पूछताछ कर रही है
  • उमर ने अस्पताल के गरीब स्टाफ और मरीजों को नेटवर्क में शामिल कर स्थानीय समर्थन प्राप्त करने की साजिश रची थी
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दिल्ली ब्लास्ट आतंकी मॉड्यूल में शामिल लेडी आतंकी डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील ने जांच एजेंसियों की पूछताछ में पूरे नेटवर्क का सरगना डॉ. उमर नबी को बताया है. आतंकी डॉ. नबी ने 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला के बाहर विस्फोट से भरी कार के साथ खुद को उड़ा लिया था. यह घटना देशभर में सनसनी फैलाने वाली थी और अब पूछताछ में सामने आया है कि उमर ही इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड था.

फरीदाबाद कनेक्शन और गिरफ्तारी

फरीदाबाद के फतेहपुरा तगा और धौज में मिले विस्फोटकों और दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े लिंक के मामले में डॉ. शाहीन और डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया. करीब 25 दिन से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) दोनों से पूछताछ कर रही है. जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, दोनों बार-बार बयान बदल रहे हैं, लेकिन लगातार यह दावा कर रहे हैं कि नेटवर्क का मुखिया उमर था.

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अस्पताल के स्टाफ को नेटवर्क में जोड़ने की साजिश

पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि अस्पताल के कर्मचारी और इलाज के लिए आने वाले लोगों को नेटवर्क में शामिल करने का प्लान उमर का था. उसका मकसद था कि लोकल सपोर्ट पाकर आसानी से काम हो सके और किसी को शक न हो. इसके लिए ऐसे लोगों को चुना जाता था, जो बेहद गरीब और जरूरतमंद होते थे. टारगेट तलाशने के बाद उसकी पूरी जानकारी उमर तक भेजी जाती थी. इसके बाद वह तय करता था कि कौन काम करेगा, किसे कितना पैसा देना है और किसे कहां लगाना है.

जम्मू-कश्मीर में विस्फोटक ले जाने की तैयारी

उमर विस्फोटक सामग्री तैयार करने के बाद उसका कुछ हिस्सा जम्मू-कश्मीर ले जाना चाहता था. इसकी तैयारी हो रही थी, लेकिन जम्मू पुलिस द्वारा मुजम्मिल के पकड़े जाने के बाद वह I20 गाड़ी लेकर गायब हो गया.

सबसे बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश

एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, लेडी आतंकी शाहीन ने अपने बयान में बताया कि सुसाइड बॉम्बर डॉ. उमर उल नबी ने देश में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले की साजिश रची थी. इसके लिए उसने पूरा प्लान तैयार किया था. उमर ने मुजम्मिल के साथ मिलकर विस्फोटक सामग्री एकत्रित की. वह नूंह और मेवात से फर्टिलाइजर लाता था और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कमरा नंबर 4 में उसकी टेस्टिंग करता था.

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गाड़ी की खरीद और फंडिंग

शाहीन के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट में जो i20 गाड़ी इस्तेमाल हुई, वह उमर ने खरीदी थी. गाड़ी खरीदने के लिए उमर ने उससे पैसे मांगे थे, जिस पर उसने 3 लाख रुपए दिए. जांच एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, शाहीन ने करीब 26 लाख रुपए की फंडिंग इस नेटवर्क को की थी। इन पैसों का उपयोग विस्फोटक खरीदने में किया गया था.

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पूछताछ में नए खुलासे

देश विरोधी भावनाएं: मुजम्मिल ने बताया कि उमर हमेशा देश का माहौल खराब करने और सुरक्षाबलों के खिलाफ नफरत फैलाने की बातें करता था. वह कश्मीर में फोर्स की कार्रवाई को अत्याचार बताता था.

आत्मघाती हमलावर बनाने की कोशिश: उमर ने आदिल वानी को आत्मघाती हमलावर बनने के लिए ब्रेनवॉश करने की कोशिश की थी. बातचीत में कोडवर्ड का इस्तेमाल होता था—‘सर्जरी' का मतलब सीरियल बम धमाका और ‘दवा' का मतलब दिल्ली.

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चाइनीज ग्रुप और कमांड: उमर ने चाइनीज भाषा में एक ग्रुप बनाया था, ग्रुप की पूरी कमांड उमर के हाथ में रहती थी.

खुद को ‘आमीर' कहता था: उमर खुद को EMIR या आमीर कहलाना पसंद करता था. वह 9 से अधिक भाषाएं जानता था, जिनमें हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, फारसी, अरबी, चाइनीज और फ्रेंच शामिल हैं.

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‘दीन का काम है, सवाल मत करो': उमर हमेशा कहता था कि यह दीन का काम है और इस पर सवाल नहीं करना चाहिए. अनुच्छेद-370 हटने के बाद से ही उसके मन में सुरक्षा बलों के लिए नफरत थी.

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जांच में सहयोग नहीं कर रहे आरोपी

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉ. शाहीन और डॉ. मुजम्मिल दोनों ही जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. शाहीन ने अपनी गाड़ी की चाबी छिपाई थी, जो बाद में उसके कमरे से मिली. इसी गाड़ी से हथियार बरामद हुए. दोनों अपनी भूमिका को कम करके दिखाने की कोशिश कर रहे हैं और उमर को ही नेटवर्क का मुखिया बता रहे हैं.

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