- शोपियां के मौलवी इरफान अहमद को दिल्ली धमाके और फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड माना जा रहा है
- मौलवी इरफान ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को कट्टरपंथ की ओर प्रेरित कर आतंकी नेटवर्क से जोड़ा था
- श्रीनगर में जैश ए मोहम्मद के पोस्टर से मौलवी इरफान और डॉक्टर आदिल अहमद का सुराग मिलने के साथ जांच तेज हुई
Delhi Blast News: दिल्ली धमाके और उससे जुड़े फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के पीछे आखिर सबसे बड़ी भूमिका किसकी थी, ये सच्चाई भी सामने आ रही है. शोपियां के मौलवी इरफान अहमद को इनका सरगना माना जा रहा है, जिसने डॉक्टरों को शागिर्द बनाया और फिर उन्हें आतंक की राह पर धकेल दिया. सूत्रों का कहना है कि मास्टरमाइंड इरफान ने डॉक्टरों का ब्रेनवॉश कर उन्हें इस बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा बनाया है. उसने अनंतनाग और पुलवामा के डॉ. आदिल अहमद और डॉ. उमर को आतंकी नेटवर्क से जोड़ा और फिर उनके जरिये डॉ. मुजम्मिल और शाहीन भी इस जिहादी मॉड्यूल में जुड़ी.
दरअसल, जैश ए मोहम्मद से जुड़े जो पोस्टर श्रीनगर में लगाए गए थे, उसमें मौलवी इरफान अहमद का नाम सामने आया था. पोस्टर लगाने वाले की धरपकड़ हुई तो उन्होंने मौलवी इरफान का राज उगला. ये मौलवी इरफान श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ था. जबकि उमर मोहम्मद नबी भी इसी कॉलेज में डॉक्टर था और यहीं से खुफिया सूत्रों के मुताबिक़, मौलवी इरफान अहमद ने मेडिकल छात्रों को कट्टरपंथ की राह पर धकेलने में अहम भूमिका निभाई है.
एक पोस्टर से कैसे खुला राज
जैश ए मोहम्मद से जुड़ा एक पोस्टर 16 अक्टूबर को श्रीनगर के आसपास के इलाके में लगाए गए तो सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गईं. पोस्टर से ही मौलवी इरफान अहमद और उसके शागिर्द आदिल अहमद का सुराग मिला और आतंकी साजिश की कड़ियां जुड़ती चली गईं. फिर अनंतनाग-पुलवामा में संदिग्धों की धरपकड़ के साथ सर्विलांस के जरिये डॉ. आदिल की गिरफ्तारी हुई. आदिल के बैंक लॉकर से एके 47 रायफल मिली तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए. आदिल ने ही फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल और उसके ठिकानों पर जमा विस्फोटकों के जखीरे का खुलासा किया.
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टेरर मॉड्यूल के पीछे इरफान का दिमाग
सूत्रों का कहना है कि टेरर मॉड्यूल के पीछे इरफान का ही दिमाग था. जैश ए मोहम्मद से जुड़ा इरफान छात्रों को वीडियो दिखाकर बरगलाता था. वो VOIP कॉल के जरिये अफगानिस्तान में बैठे आकाओं से संपर्क में भी रहता था. इरफान के इशारे पर डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर इसी नेटवर्क को आगे बढ़ा रहे थे. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके के बाद फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के बेनकाब होने के बाद घबराहट में डॉक्टर उमर ने धमाके को अंजाम दिया था. लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद इस आतंकी मॉड्यूल की फाइनेंसर बताई जा रही है.
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सवालों के घेरे में अल फलाह यूनिवर्सिटी
आतंकी नेटवर्क में शामिल डॉ. मुजम्मिल, डॉ. उमर नबी और डॉ. शाहीन का कनेक्शन अल फलाह यूनिवर्सिटी है. एक फरार डॉक्टर नासिर भी कश्मीर में जिहादी गतिविधियों के कारण बर्खास्त किया गया था, लेकिन उसे भी अल फलाह यूनिवर्सिटी में नौकरी मिल गई. डॉ. उमर भी अनुशासनहीनता के आरोप में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से बर्खास्त हुआ था, लेकिन उसे भी अल फलाह में नौकरी मिल गई.














