Delhi Blast Case: दिल्ली बम ब्लास्ट के मामले में अब एजेंसियों की तरफ से जांच तेजी से की जा रही है. आतंकी मॉड्यूल और आतंकियों को लेकर रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. अब बताया गया है कि डॉक्टर मुजम्मिल, उमर उन नबी और डॉक्टर शहीना तीनों दो हैंडलरों से बात करते थे. दोनों हैंडलरों के नाम डॉक्टर ओकासा और डॉक्टर हशीम उर्फ आरिफ निसार हैं. फिलहाल एजेंसियां अब पता लगाने की कोशिश में हैं कि आखिर इन हैंडलर्स ने क्या आदेश दिए थे और पूरी प्लानिंग कैसे चल रही थी.
कोड नेम से होती थी बात
पकड़े गए डॉक्टर जिन दो हैंडलरों से बात कर रहे थे उनके कोड नेम ओकासा और आरिफ निसार हैं. एजेंसियों को लगता है कि आरिफ निसार पाकिस्तान का हैंडलर है ,जबकि ओकासा टर्की का हैंडलर है. हालांकि ये भी बताया गया है कि दोनों एक ही हो सकते हैं. क्योंकि आतंकी अपना अलग-अलग कोडनेम इस्तेमाल करते हैं. ये लोग सेशन ऐप,टेलीग्राम, सिग्नल ऐप और अन्य ऐप्स के जरिए बात करते थे.
काफी वक्त से चल रही थी प्लानिंग
दिल्ली में ब्लास्ट करने वाले उमर और फरीदाबाद से गिरफ्तार मुजम्मिल की डायरी से पता चला है कि यह आतंकवादी एक बड़ी और सुनियोजित योजना के तहत काफी समय से हमले की साजिश रच रहे थे. दोनों की ये 'डायरी' आतंकी उमर के कमरा नंबर-4 और मुजम्मिल के कमरा नंबर-13 से बरामद की गईं, जहां पहले 360 किलोग्राम विस्फोटक मिला था. यह कमरा फरीदाबाद के धौज में अल फलाह विश्वविद्यालय से लगभग 300 मीटर दूर है.
बरामद डायरियों में कोड वर्ड्स किया गया. इसमें विशेष तौर पर 8 से 12 नवंबर के बीच की तारीखों का जिक्र था, जो उस दौरान चल रही योजना का संकेत हैं. इन डायरी में लगभग 25 लोगों के नाम भी दर्ज हैं, जिनमें से ज्यादातर जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के हैं. ये सभी लोग अब जांच के दायरे में हैं.














