दिल्ली : बाइक चोरी करने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़, गोकलपुरी में स्पेयर पार्ट्स की 8 दुकानें सील

पूछताछ में यह भी पता चला है कि चोरी की मोटरसाइकिल 1500-2000 रुपये में  बिचौलिए को बेच दी जाती थी

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दिल्ली : बाइक चोरी करने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बाइक चोरी करने वाले एक बड़े गैंग का भंडापोड़ किया है. ये गिरोह बाइक चोरी कर उनके स्पेयर पार्ट्स तक बेच देता था. इस मामले में दिल्ली के गोकलपुरी में एक आरोपी की बाइक के स्पेयर पार्ट्स की 8 दुकानों को सील कर दिया गया है. इन दुकानों पर बड़ी मात्रा में चोरी की गई बाइक के स्पेयर पार्ट्स मिले हैं. 

सूरजमल विहार में बाइक चोरी की घटनाओं को देखते हुए जाल बिछाया गया. 19 मई को एक संदिग्ध अजीम को पकड़ा गया. पूछताछ में उसने बताया कि उसने 100 से ज्यादा वाहन चोरी किये हैं. उसके बाद उसके एक साथ जावेद को सीलमपुर से पकड़ा गया जावेद पेशे से एक मोटरसाइकिल मैकेनिक है और दोनों आरोपियों जावेद और अज़ीम से पूछताछ के बाद गोकलपुरी से फुरकान को गिरफ्तार किया गया. फुरकान की गोकलपुरी मोटरसाइकिल स्पेयर पार्ट्स की 8 दुकानें हैं। फुरकान की सभी दुकानों की तलाशी ली गई और उसकी दुकानों से 100 से अधिक मोटरसाइकिल इंजन और इंजन ब्लॉक, इंजन नंबरों को छेड़छाड़ करने और बदलने और मिटाने के उपकरण पाए गए. सभी दुकानों में ढेर सारे छोटे-छोटे कल-पुर्जे, टायर, टैंक और मोटरसाइकिलों के अन्य अतिरिक्त सामान थे. मामले की जांच के लिए सभी दुकानों को सील कर दिया गया है.

फुरकान के कहने पर तीन स्क्रैप डीलरों शाहिद, हरिओम और नदीम को उनकी दुकानों से गिरफ्तार किया गया था. शाहिद और हरिओम की वेलकम इलाके में कबाड़ की दुकान है और नदीम की गोकलपुरी में कबाड़ की दुकान है. उनकी दुकान की तलाशी के दौरान और इंजन, इंजन ब्लॉक और अन्य पुराने पुर्जे बरामद किए गए.

पुलिस के मुताबिक गैंग के लोग मोटरसाइकिल चोरी करते थे. गैंग का एक मेम्बर मालिक पर नजर रखता था जबकि दूसरा मोटरसाइकिल चोरी करता  .निरंतर पूछताछ के दौरान यह पता चला कि नेटवर्क गुप्त तरीके से काम कर रहा था, जिसमें चोर बिचौलियों के संपर्क में थे और ये कबाड़ियों के संपर्क में थे. चोरी की मोटरसाइकिलों  पर रिसीवरों ने चालाकी से न केवल चोरी की मोटरसाइकिलों के इंजन और चेसिस नंबरों को जाली बनाया, बल्कि मरम्मत के लिए आने वाली मोटरसाइकिलों इंजन प्लेटों पर नए नंबर पंच करते थे। इसके अलावा वे मौजूदा नंबर प्लेट से भी छेड़छाड़ करते थे. 

पूछताछ में यह भी पता चला है कि चोरी की मोटरसाइकिल 1500-2000 रुपये में  बिचौलिए को बेच दी जाती थी, जो इसे आगे कबाड़ी को 3500-4000 रुपये में बेचता था। कबाड़ी खुद को स्पेयर-पार्ट्स का डीलर बताकर हर मोटरसाइकिल के स्पेयर पार्ट्स 10000-15000 रुपये में बेच देता था


 



 

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