दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी ‘खराब' श्रेणी में रही और कुछ निगरानी केंद्रों ने इसका स्तर ‘बहुत खराब' और ‘गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया. दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, परिवहन से होने वाले उत्सर्जन का दिल्ली के वायु प्रदूषण में लगभग 19.2 प्रतिशत योगदान है. हवा की गुणवत्ता खराब होने का एक और बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना है. उपग्रह से प्राप्त आंकड़े के मुताबिक, बुधवार को पराली जलाने के पंजाब में 99, हरियाणा में 14, उत्तर प्रदेश में 59 और दिल्ली में एक मामले सामने आए.
सर्दियों के करीब आने के साथ ही दिल्ली के निवासियों को वायु गुणवत्ता में गिरावट का असर महसूस होने लगा है, क्योंकि बुधवार को तड़के चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 230 दर्ज किया गया.
आनंद विहार में एक्यूआई 400 पार
आईटीओ, चांदनी चौक और लोधी रोड स्थित मौसम निगरानी केंद्र पर वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में रही. आनंद विहार में एक्यूआई 430 के गंभीर स्तर पर पहुंच गया, जबकि मुंडका स्टेशन ने 327 के 'बहुत खराब' स्तर की सूचना दी.
मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान सामान्य से 2.2 डिग्री अधिक 35.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को आसमान साफ रहने तथा अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 डिग्री सेल्सियस और 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है.
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 और 200 के बीच ‘मध्यम', 201 और 300 के बीच ‘खराब', 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब' तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.