ठंड की दस्तक के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर वायु प्रदूषण की चपेट में है. आलम ये है कि शहर की हवा दमघोंटू हो गई है. लगातार एक्यूआई लेवल बढ़ रहा है जिससे दिल्ली वाले परेशान हो गए हैं. दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को भी वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब' में श्रेणी में रही. आज सुबह दिल्ली का औसत एक्यूआई 346 दर्ज किया गया.
खराब श्रेणी में दिल्ली का AQI
दिल्ली के इलाकों के नाम | AQI@ 6.00 AM | कौन सा जहर | कितना औसत |
आनंद विहार | 377 | PM 2.5 का लेवल हाई | 377 |
मुंडका | 380 | PM 2.5 का लेवल हाई | 380 |
वजीरपुर | 390 | PM 2.5 का लेवल हाई | 390 |
जहांगीरपुरी | 407 | PM 10 का लेवल हाई | 384 |
आर के पुरम | 368 | PM 2.5 का लेवल हाई | 368 |
ओखला | 338 | PM 2.5 का लेवल हाई | 338 |
बवाना | 400 | PM 2.5 का लेवल हाई | 400 |
विवेक विहार | 370 | PM 2.5 का लेवल हाई | 370 |
नरेला | 352 | PM 2.5 का लेवल हाई | 352 |
दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए ड्रोन से पानी का छिड़काव
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को शहर के आनंद विहार इलाके में प्रायोगिक तौर पर ड्रोन से पानी का छिड़काव किया. आनंद विहार शहर के सर्वाधिक प्रदूषित इलाकों में से एक है. इस दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्वाधिक प्रदूषित इलाकों में एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) शहर के औसत स्तर से अधिक है.
राय ने बताया कि वर्तमान में दिल्ली में 200 से अधिक ‘एंटी-स्मॉग गन' तैनात हैं जिनसे हवा की धूल को कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि यदि परीक्षण सफल रहा तो दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और अधिक ड्रोन खरीदने पर विचार कर सकती है. राय ने कहा, 'यदि हमें परीक्षण के अच्छे परिणाम मिले तो हम अतिरिक्त ड्रोन खरीदने के लिए औपचारिक निविदाएं जारी करेंगे.'
राष्ट्रीय राजधानी के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में 200 गतिशील एंटी-स्मॉग गन काम कर रही हैं, जबकि हवा में धूल से निपटने के लिए ऊंची इमारतों के ऊपर 146 एंटी-स्मॉग गन लगाई गई हैं. दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रतिदिन खराब होती जा रही है, जिसमें थोड़ा सुधार के बाद हालात फिर खराब हो जाते हैं.
दिल्ली की आबोहवा का सेहत पर असर
दिल्ली में लगातार खराब होती आबोहवा के बीच पिछले दिनों अस्पतालों में सांस संबंधी मामलों में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सांस रोग से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट्स ने कहा कि बच्चे और बुजुर्ग प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं. इस स्थिति में उन्होंने लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने और धूल के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी.
पराली जलाने से दिल्ली की हवा में घुला जहर
दिल्ली में खासतौर से कटाई के बाद अक्टूबर और नवंबर के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए अक्सर हरियाणा और पड़ोसी पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है. इस बार फिर से दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण की एक वजह पराली जलाना माना जा रहा है. पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के लिए कई किसानों को गिरफ्तार किया गया लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.