"विक्रेता को किया ब्लैक लिस्टेड, जांच में कर रहे हैं सहयोग": Online तेजाब बेचने पर Flipkart की सफाई

Delhi Acid Attack: फ्लिपकार्ट ने कहा कि ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है जो अवैध, असुरक्षित और प्रतिबंधित उत्पादों को बेचने में लगे हुए पाए जाते हैं.

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फ्लिपकार्ट ने कहा कि हमने संबंधित एसिड विक्रेता को काली सूची में डाल दिया गया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली में ऑनलाइन एसिड खरीदकर लड़की पर फेंकने के मामले में फ्लिपकार्ट ने अपनी सफाई दी है. ई-कॉमर्स कंपनी का कहना है कि हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की कड़ी निंदा करते हैं और हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं, पीड़िता और उसके परिवार के साथ हैं. हमने संबंधित विक्रेता को काली सूची में डाल दिया गया है और हम संबंधित अधिकारियों को उनकी जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं.

कंपनी ने कहा, "फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म उन उत्पादों की बारीकी से निगरानी करता है और उन्हें हटाता है जो अपेक्षित मानकों का उल्लंघन करते हैं. ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है जो अवैध, असुरक्षित और प्रतिबंधित उत्पादों को बेचने में लगे हुए पाए जाते हैं."

दरअसल दिल्ली के द्वारका इलाके में दो बाइक सवार लड़कों ने 17 साल की एक लड़की पर तेजाब फेंक दिया था. पुलिस ने इस घटना में शामिल तीन युवकों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी का नाम सचिन अरोड़ा है. उसने प्राइवेट ई-कॉमर्स साइट से एसिड खरीदा था.

पुलिस के मुताबिक, एसिड अटैक से पहले आरोपी सचिन अरोड़ा ने अपने दोस्तों हर्षित और वीरेंद्र के साथ पूरी प्लानिंग की. हर्षित बाइक चला रहा था, जबकि सचिन उसके पीछे बैठा था. सचिन ने ही लड़की पर एसिड फेंका. वीरेंद्र ने भी इसमें सचिन की मदद की थी. वीरेंद्र, सचिन का मोबाइल और उसकी स्कूटी लेकर किसी दूसरी लोकेशन पर था, जिससे सचिन की लोकेशन घटना वाली जगह पर न आए.

चौंकाने वाली ये घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी, जिसमें दो लड़कियों को सड़क के किनारे चलते हुए देखा जा सकता है, तभी एक बाइक पास आकर धीमी होती है और पीछे बैठा एक लड़का लड़की पर तेजाब फेंक देता है. इसके बाद वह बेहद दर्द में अपना चेहरा पकड़कर इधर-उधर दौड़ती हुई दिखाई देती है.

सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर बीएल शेरवाल ने एनडीटीवी से पीड़िता की हालत को लेकर कहा कि लगभग आठ प्रतिशत बर्न इंजरी है, कंडीशन फिलहाल स्टेबल है. घाव कितने गहरे हैं ये 48 से 72 घंटे के बाद ही पता चल पाएगा.

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वहीं पीड़िता के पिता ने इस हमले के बाद कहा कि उनकी बेटी ने कभी भी उनसे किसी के द्वारा उत्पीड़न की शिकायत नहीं की थी.

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