दिल्ली में तीन स्टूडेंट्स की मौत के बाद एक्शन में MCD, बसमेंट में चल रहे 13 अवैध कोचिंग सेंटर सील

MCD मेयर शैली ओबेरॉय ने इसे लेकर बयान दिया कि ये कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन कर बेसमेंट में संचालित होते पाए गए और उन्हें सील कर दिया गया है.

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दिल्ली नगर निगम (MCD) ने ऑल्ड राजिंदर नगर में कम से कम 13 अवैध कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया है. शनिवार को राऊ के आईएसएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में अचानक पानी घुसने से तीन छात्रों तानिया सोनी, श्रेया यादव और नवीन डेल्विन की मौत हो गई थी, जिसके बाद नगर निगम रविवार देर रात तक ये कार्रवाई करता दिखाई दिया. जिन कोचिंग सेंटरों को सील किया गया उनमें आईएएस गुरुकुल, चहल एकेडमी, प्लूटस एकेडमी, साई ट्रेडिंग, आईएएस सेतु, टॉपर्स एकेडमी, दैनिक संवाद, सिविल्स डेली आईएएस, करियर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु, गाइडेंस आईएएस और ईजी फॉर आईएएस शामिल हैं.

एमसीडी मेयर शैली ओबेरॉय ने इसे लेकर बयान दिया कि ये कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन कर बेसमेंट में संचालित होते पाए गए और उन्हें सील किया गया है. राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल को पुलिस ने पहले ही सील कर दिया था और इसके मालिक और एक अन्य  को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.

बता दें कि पुलिस ने अब तक कम से कम छह छात्रों के बयान दर्ज किए हैं, जो बेसमेंट में फंसे थे, लेकिन समय रहते बाहर निकल आए. इनमें से कुछ को दूसरे छात्रों और स्थानीय लोगों ने बचाया था.जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में घटना के दो मुख्य कारण सामने आए हैं - पहला, नगर निगम ने मॉनसून आने से पहले सड़क किनारे के नाले को साफ नहीं किया और दूसरा, बेसमेंट में पानी की निकासी का कोई प्रावधान नहीं था और वहा अवैध रूप से लाइब्रेरी बनाई गई थी.

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यह भी संदेह है कि लाइब्रेरी में पानी घुसने के कारण प्रवेश द्वार पर लगा बायोमेट्रिक सिस्टम जाम हो गया, जिससे छात्र बेसमेंट में फंस गए. अधिकारी ने कहा कि समय पर नाला साफ न होने का कारण जानने के लिए पुलिस नगर निगम के अधिकारियों को बुला सकती है.

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पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एम. हर्षवर्धन ने कहा कि हमने राजेंद्र नगर पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 106 (1) (जल्दबाजी या लापरवाही में किए कार्य से किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनना, जो आपराधिक मानव वध की श्रेणी में नहीं आता), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 290 (इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या बनाने के संबंध में लापरवाही) और धारा 35 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.''

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उन्होंने बताया कि अब तक दो लोगों- कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और समन्वयक देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया.

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उप निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार शर्मा के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर का मालिक घटना के समय वहां मौजूद था और वह बेसमेंट में पुस्तकालय चलाने के लिए आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं कर सका. मालिक ने यह भी स्वीकार किया कि बेसमेंट में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी. प्राथमिकी में कहा गया कि बेसमेंट में पानी भरने की सूचना पीसीआर को मिलने के बाद सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) बीरेंद्र को मौके पर भेजा गया.

इसमें कहा गया कि एएसआई ने देखा कि इलाके में पानी भरा हुआ है और पार्किंग क्षेत्र में तीन फुट तक पानी भर गया है.उन्होंने तुरंत राजेंद्र नगर थाना प्रभारी को सूचित किया साथ ही अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को भी घटना की जानकारी दी गई. बचाव अभियान के दौरान बेसमेंट से दो छात्राओं और एक छात्र का शव बरामद किया गया.

पुलिस ने बताया कि इस घटना में मारे गए छात्रों की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल में एर्नाकुलम के नवीन दलविन के रूप में की गई है. सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो रहे एक वीडियो में कथित तौर पर दिखाया गया है कि बेसमेंट में स्थित पुस्तकालय में पानी प्रवेश कर रहा है और कुछ विद्यार्थी सीढ़ियों से भाग रहे हैं. (इनपुट्स भाषा से भी)

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