नस्लीय हिंसा नहीं.. हंसी-मजाक फिर गुस्से में चाकू से वार, त्रिपुरा के एंजेल चकमा की मौत पर पुलिस का खुलासा

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने छात्र की हत्या केस में बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने मुख्य आरोपी को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है. 

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  • देहरादून में एमबीए छात्र अंजेल चकमा की मौत के मामले में पुलिस ने नस्लीय हमले के आरोपों को खारिज किया है.
  • विवाद एक जन्मदिन पार्टी में हंसी-मजाक के दौरान हुआ, जिसमें छह आरोपियों और मृतक के बीच झड़प हुई थी.
  • झगड़े के दौरान आरोपियों में से एक ने चाकू से हमला किया, जिससे अंजेल गंभीर रूप से घायल हो गया था.
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देहरादून में एमबीए के छात्र की मौत के मामले में एसएसपी अजय सिंह ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने नस्लीय हमले के आरोप से इनकार किया. उन्होंने कहा कि 6 आरोपियों की एंजेल चकमा और उसके भाई से झड़प हुई थी. फिलहाल पुलिस इस मामले की गहन जांच की जा रही है.

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने कहा, ‘‘पुलिस ने सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट देखी हैं जिनमें इस घटना को नस्लीय भेदभाव से जोड़ा गया है . अब तक की जांच में नस्लीय भेदभाव या हिंसा का कोई सबूत नहीं मिला है .''

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना 9 तारीख की शाम करीब 6 बजे घटी. जांच में सामने आया है कि कुछ युवक एक बर्थडे पार्टी के सिलसिले में इकट्ठा हुए थे, जहां हंसी-मजाक के दौरान एक-दूसरे पर तंज कसे जा रहे थे. वहां 6 लोगों का एक ग्रुप मौजूद था. बातचीत के दौरान किए जा रहे कटाक्ष (तंज) को मृतक और उसके भाई ने अपने ऊपर ले लिया, जिससे विवाद बढ़ गया. आवेश में आकर पास की एक अंडे की दुकान से चाकू उठाया गया और हमला कर दिया गया. घायल युवक को आनन-फानन में ई-रिक्शा के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में हुई इस घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच में सामने आए तथ्यों के अनुसार, नौ दिसंबर को आरोपियों में से एक मणिपुर निवासी सूरज ख्वास द्वारा अपने बेटे के जन्मदिन के उपलक्ष्य में दी गयी पार्टी के दौरान मित्रों के बीच 'दोस्ताना हंसी-मजाक हुआ'.

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एसएसपी ने कहा, ‘‘पीड़ित पक्ष को कुछ टिप्पणियां आपत्तिजनक लगीं, जिसके कारण विवाद उत्पन्न हुआ. इसके बाद हुए झगड़े में मृतक एंजेल चकमा और उसके भाई माईकल चकमा घायल हो गए . एंजेल ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया .''

उन्होंने कहा कि झगड़े में एंजेल चकमा की रीढ़ की हडडी और गर्दन में घातक चोटें आयी थीं . घटना में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने छह आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया जिनमें से दो नाबालिगों को न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया है .

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सिंह ने कहा कि आरोपियों में से एक नेपाली नागरिक यज्ञराज अवस्थी घटना के बाद से फरार है जिसकी गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित करते हुए अदालत से गैर जमानती वारंट प्राप्त किया गया है . उन्होंने बताया कि पुलिस टीमें लगातार उसकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही हैं .

दरअसल, त्रिपुरा का 24 वर्षीय एमबीए छात्र एंजेल चकमा पढ़ाई के सपने लेकर उत्तराखंड आया था. आरोप है कि नस्लीय टिप्पणियों और मारपीट के बाद एंजेल चकमा ने 14 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद दम तोड़ दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमले के दौरान एंजेल चकमा बार-बार कह रहा था, “मैं भारतीय हूं.” यह शब्द उसकी आखिरी कोशिश थी खुद को बचाने की. हालांकि, पुलिस ने नस्लीय हमले  के आरोप को खारिज कर दिया है. 

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घटना कैसे हुई?

यह घटना 9 दिसंबर की है. एंजेल चकमा अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ देहरादून के सेलाकुई बाजार स्थित एक शराब के ठेके पर गया था. इसी दौरान वहां मौजूद कुछ स्थानीय लोगों से कहासुनी हो गई. पुलिस के अनुसार ये घटना पहले से प्रायोजित नहीं थी. मौके पर विवाद हुआ फिर इस घटना को अंजाम दिया.

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