चीन को भारत की जमीन सौंपने के राहुल गांधी के आरोपों को रक्षा मंत्रालय ने बताया गलत

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वास्तविक नियंत्रण रेखा (line of actual control) भारत के मुताबिक फिंगर 8 तक है, न कि फिंगर 4 तक. यही वजह है कि भारत हमेशा फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने की अपनी मांग दोहराता रहा है और यही चीन के साथ समझौता भी हुआ है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
Pangong Tso से सैनिकों की वापसी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में दिया था बयान
नई दिल्ली:

चीन को भारत की जमीन सौंपने के कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आरोपों पर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर शुक्रवार को सफाई दी है. रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) के मुताबिक, यह कहना बिल्कुल सही नहीं है कि भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 (Finger 4) तक है. भारत के मानचित्र में भारत का इलाका उसको भी दर्शाता है, जो चीन के कब्जे में है और जो लगभग 43,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual control) भारत के मुताबिक फिंगर 8 तक है, न कि फिंगर 4 तक. यही वजह है कि भारत हमेशा फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने की अपनी मांग दोहराता रहा है और यही चीन के साथ समझौता भी हुआ है.रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हॉट स्प्रिंग गोगरा (Hot Springs Gogra) और देपसांग वैली (Depsang Valley) में भी जो विवाद है, उसे भी सुलझा लिया जाएगा. पैंगोंग (Pangong TSo) में सैनिकों की वापसी के 48 घंटे बाद इन क्षेत्रों भी पूर्व की स्थिति बहाल करने को लेकर बात शुरू की जाएगी.

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्षेत्र को चीन को क्यों दिया? इसका जवाब उन्हें और रक्षा मंत्री को देना चाहिए. क्यों सेना को कैलाश रेंज से पीछे हटने को कहा गया है? देपसांग प्लेन चीन वापस क्यों नहीं मांगा गया? हमारी जमीन फिंगर-4 तक है. पीएम मोदी ने फिंगर-3 से फिंगर-4 की जमीन चीन को दे दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते. वे हमारी सेना के जवानों के बलिदान का अपमान कर रहे हैं. भारत में किसी को भी ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए प्रधानमंत्री इस पर क्यों नहीं बोल रहे हैं.

Advertisement

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में कहा था कि भारत और चीन पैंगोंग सो झील के उत्तरी और दक्षिण किनारे से सैन्य वापसी पर सहमत हुए हैं. चीन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे झील के किनारों से हटना शुरू हो गए हैं. दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध अप्रैल में शुरू हुआ था, जब भारत ने कहा था कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के काफी अंदर तक घुस आए थे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
UP News: बेहतरीन English Speaking Skills पर फिर भी कोई Job नहीं, Homeless की तरह रहने पर मजबूर का दर्द