रक्षा मंत्रालय ने इतालवी कंपनी लियोनार्दो एसपीए और उसकी सहायक अगस्ता वेस्टलैंड से औपचारिक रूप से प्रतिबंध हटा लिया है क्योंकि उनके नाम उन कंपनियों की अद्यतन सूची में शामिल नहीं हैं जिनके साथ कारोबारी लेन-देन पर रोक है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. लियोनार्दो एसपीए और अगस्ता वेस्टलैंड को 2014 में 3,500 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर प्रतिबंधित कर दिया गया था. लियोनार्दो एसपीए को पहले फिनमेकेनिका के नाम से जाना जाता था.
रक्षा मंत्रालय ने 12 नवंबर को एक नR अधिसूचना जारी की जिसमें उसके साथ कारोबार करने से प्रतिबंधित, निलंबित कंपनियों की सूची को अद्यतन किया गया. दोनों इतालवी कंपनी सूची में शामिल नहीं हैं. भारत ने अनुबंध संबंधी दायित्वों के कथित उल्लंघन और सौदे को हासिल करने के लिए कंपनी द्वारा भुगतान किए गए रिश्वत के आरोपों पर 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए अगस्ता वेस्टलैंड के साथ अनुबंध को समाप्त कर दिया था.
सूत्रों ने कहा कि लियोनार्दो एसपीए ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के रद्द किए गए आदेश पर 35 करोड़ यूरो के अपने दावों को वापस लेते हुए एक पत्र दिया है. यह पता चला है कि रक्षा मंत्रालय ने दोनों इतालवी कंपनियों पर से प्रतिबंध हटा लिया है, लेकिन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे की जांच जारी रहेगी.
सूत्रों ने कहा कि प्रतिबंध हटाने से अब लियोनार्दो एसपीए को भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 75 के तहत भारी वजन वाले टॉरपीडो कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति मिल जाएगी.