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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्‍ट्रेलियाई समकक्ष के साथ की द्विपक्षीय वार्ता, सैन्‍य सहयोग पर दिया जोर 

राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों की सेनाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पनडुब्बी रोधी और ड्रोन रोधी युद्ध तथा साइबर क्षेत्र जैसे विशिष्ट प्रशिक्षण क्षेत्रों में सहयोग पर भी गौर करना चाहिए.

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दोनों ने सूचना के आदान-प्रदान और समुद्री डोमेन जागरूकता में सहयोग को बढ़ाने पर बल दिया.
नई दिल्‍ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आज ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस (Richard Marles) के साथ द्विपक्षीय बैठक की. दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों (Defense Relations) को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने संयुक्त अभ्यास, आदान-प्रदान और संस्थागत वार्ता सहित दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर संतोष व्यक्त किया. रक्षा मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा अगस्त 2023 में आयोजित प्रथम बहुपक्षीय अभ्यास 'मालाबार' की सफलता के लिए मंत्री मार्लेस को बधाई दी. 

दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच सूचना के आदान-प्रदान तथा समुद्री डोमेन जागरूकता में सहयोग को बढ़ाने के महत्व पर बल दिया. हवा में ईंधन भरने के लिए सहयोग और हाइड्रोग्राफी सहयोग पर व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए दोनों पक्ष चर्चा के अंतिम चरण में हैं. 

राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों की सेनाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पनडुब्बी रोधी और ड्रोन रोधी युद्ध तथा साइबर क्षेत्र जैसे विशिष्ट प्रशिक्षण क्षेत्रों में सहयोग पर भी गौर करना चाहिए. दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि रक्षा उद्योग और अनुसंधान में सहयोग को बढ़ाने से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे. 

ये हो सकते हैं सहयोग के संभावित क्षेत्र 

उन्‍होंने सुझाव दिया कि जहाज निर्माण, जहाज की मरम्मत व रखरखाव एवं विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) दोनों देशों के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्र हो सकते हैं. दोनों मंत्रियों ने अंतर्जलीय प्रौद्योगिकियों में संयुक्त अनुसंधान के लिए सहयोग पर भी चर्चा की. 

संयुक्‍त रूप से चुनौतियों के हल पर दिया बल 

दोनों देशों के रक्षा स्टार्ट-अप के सहयोग पर मंत्रियों द्वारा चर्चा की गई, जिसमें संयुक्त रूप से चुनौतियों को हल करने पर बल दिया गया. उन्होंने सहमति व्यक्त की कि एक मजबूत भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा साझेदारी न केवल दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए बल्कि हिंद-प्रशांत की समग्र सुरक्षा के लिए भी अच्छी होगी. 

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