पाकिस्तान की शरारतओं को हमारी सेना ने सीमा तक सीमित कर दिया - राज्यसभा में बोले रक्षा मंत्री

सरकार ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से की जाने वाली हरकतों को सीमा (India Pakistan Border) तक ही सीमित कर दिया है.

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2020 में पाकिस्तान बॉर्डर पर सीजफायर की 4629 घटनाएं हुईं, रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में बताया
नई दिल्ली:

सरकार ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से की जाने वाली हरकतों को सीमा (India Pakistan Border) तक ही सीमित कर दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा ‘‘ भारतीय सेना की जितनी सराहना की जाए, कम है क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली हरकतों को सीमा तक सीमित कर दिया है.''  रक्षा मंत्री ने बताया ‘‘ 2020 में संघर्ष-विराम उल्लंघन की 4629 घटनाएं हुईं. पाकिस्तान की ओर से इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देने का उद्देश्य भारत में शांति को बाधित करना है.''उन्होंने बताया ‘‘पाकिस्तान की ओर से होने वाली संघर्ष-विराम उल्लंघन की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय पक्ष अपनी ओर से समुचित कदम उठाता है.'' 

इसका ब्यौरा देने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में आतंकवादियों का प्रवेश कराने, कई बार भारत में सक्रिय आतंकवादियों को यहां से निकालने के लिए और भारत में शांति की स्थिति को बाधित करने के लिए भी सीमा पार से संघर्ष-विराम का उल्लंघन किया जाता है. ''सिंह ने बताया ‘‘जहां तक भारत की ओर से की जाने वाली कार्रवाई का सवाल है ... यह तो पाकिस्तान सरकार का दिल ही बता सकता है कि भारत की सेना का प्रत्युत्तर क्या और कैसा है? भारतीय सेना ने उनकी ओर से की जाने वाली गतिविधियों को सीमा तक सीमित कर दिया है।''

पूरक प्रश्न पूछते हुए सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद ने कहा ‘‘वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान ही संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं क्यों बढ़ी हैं ? क्या इसके लिए विदेश नीति जिम्मेदार है ?''
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सीमा जम्मू से लगती है कश्मीर से नहीं. उन्होंने कहा ‘‘ अक्सर कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराई जाती है और जम्मू में संघर्षविराम उल्लंघन होता है। इससे जम्मू के पांच जिलों में खास तौर पर प्रभाव पड़ता है वहां के लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए.'' 

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राजनाथ ने बताया ‘‘जान माल के नुकसान पर राज्य सरकार की ओर से मुआवजा देने की परंपरा चली आ रही है। पहले मुआवजे की राशि बहुत ही कम थी। पहले केवल तीन पशुओं के मारे जाने पर मुआवजा दिया जाता था। अब यह राशि बढ़ा दी गई है और हर तरह के नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है.'' सिंह ने बताया ‘‘ सीमा पर 14,000 से अधिक बंकर बनाने का लक्ष्य रखा गया था जिनमें से अधिकतर बंकर तैयार किए जा चुके हैं। खतरे की आशंका होते ही नागरिकों को अन्यत्र ले जाया जाता है.''

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उन्होंने कहा ‘‘सीमा पार से संघर्ष-विराम उल्लंघन अक्सर इसलिए किया जाता है क्योंकि उनका भारत में पठानकोट हमला, उरी हमला जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने का इरादा होता है। भारतीय सेनाएं अपनी ओर से सीमा पर पूरी तरह सतर्कता बरतती हैं.''
 

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इनपुट एजेंसी भाषा से भी

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