महिला लड़ाकू पायलटों को वायु सेना में शामिल करने का फैसला अब परमानेंट : रक्षा मंत्री

भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने 2018 में अकेले लड़ाकू विमान उड़ाकर पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया था. उन्होंने अपनी पहली एकल उड़ान में मिग-21 बाइसन उड़ाया था.

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सेना ने 2019 में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महिलाओं को सैन्य पुलिस में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी.
नई दिल्ली:

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) में महिला लड़ाकू पायलटों को शामिल करने की प्रायोगिक योजना को अब परमानेंट योजना में बदलने का फैसला किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि यह फैसला भारत की नारी शक्ति की क्षमता और महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है.

उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू पायलटों को शामिल करने के लिए प्रायोगिक योजना को एक स्थायी योजना में बदलने का फैसला किया है.''

उन्होंने लिखा है,  ‘‘यह भारत की 'नारी शक्ति' की क्षमता और हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है.''

उच्चतम न्यायालय द्वारा तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में महिलाओं के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करने के कुछ महीने बाद यह फैसला आया है.

भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने 2018 में अकेले लड़ाकू विमान उड़ाकर पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया था. उन्होंने अपनी पहली एकल उड़ान में मिग-21 बाइसन उड़ाया था.

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नौसेना ने 2020 में डोर्नियर समुद्री विमान मिशन पर महिला पायलटों के अपने पहले समूह को तैनात करने की घोषणा की थी.

सेना ने 2019 में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महिलाओं को सैन्य पुलिस में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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