VIDEO: सेनाध्यक्ष ने बढ़ाया सैनिकों का हौसला, उन हथियारों का भी लिया जायजा जिसने पाकिस्तान को चटाई थी धूल

सेना अधिकारियों के अनुसार, यह ड्रोन-आधारित हथियार प्रणाली दुश्मन के गुप्त ठिकानों को बिना किसी जोखिम के ध्वस्त करने में सक्षम है. इसमें टारगेटिंग के लिए एडवांस AI-आधारित तकनीक और सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है.

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नई दिल्ली:

सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश स्थित बाबीना फील्ड फायरिंग रेंज में अत्याधुनिक ड्रोन-लॉन्च्ड प्रिसिशन गाइडेड वेपन का लाइव डेमो देखा. यह वही हथियार प्रणाली है जिसका उपयोग हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत किया गया था.

सेना की ओर से आयोजित इस फायरपावर डेमो में ड्रोन के माध्यम से अत्यधिक सटीकता के साथ लक्ष्य भेदा गया. इस दौरान आर्मी चीफ ने हथियार की मारक क्षमता, निर्देशित प्रणाली और ऑपरेशनल रेंज का गहन निरीक्षण किया.

सेना अधिकारियों के अनुसार, यह ड्रोन-आधारित हथियार प्रणाली दुश्मन के गुप्त ठिकानों को बिना किसी मानवीय जोखिम के ध्वस्त करने में सक्षम है. इसमें टारगेटिंग के लिए एडवांस AI-आधारित तकनीक और सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है.

'ऑपरेशन सिंदूर' में भी इस हथियार का प्रयोग कर लश्कर-ए-तैयबा के कई आतंकी कैंपों को तबाह किया गया था. उस ऑपरेशन की सफलता ने इस हथियार की रणनीतिक अहमियत को और बढ़ा दिया है. 

सेना प्रमुख ने डेमो के बाद जवानों और टेक्निकल टीम की सराहना करते हुए कहा कि भारत की सुरक्षा को नई तकनीकों से मजबूती दी जा रही है. यह प्रणाली भविष्य के युद्धों में हमारी बढ़त को सुनिश्चित करेगी.

बताते चलें कि भारतीय सेना लगातार अपने शस्त्रागार को अत्याधुनिक बना रही है. इसमें ड्रोन वॉरफेयर, स्मार्ट म्यूनिशन और AI-आधारित निगरानी प्रणाली प्रमुख हैं. इस प्रदर्शन का उद्देश्य सिर्फ ऑपरेशनल तैयारी नहीं, बल्कि दुश्मन को यह स्पष्ट संकेत देना भी है कि भारत अब हाई-टेक वॉरफेयर के लिए पूरी तरह तैयार है. 

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