"मौत का आंकड़ा अच्छी बात नहीं..." : कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से कहा कि चीतों को नई जगह पर बसाने के दौरान 50 प्रतिशत तक की मौत को सामान्य माना जाता है.इसपर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा अगर ऐसा है तो फिर मुद्दा क्या है. क्या वो हमारी जलवायु के अनुकून नहीं हैं?

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कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी
नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला जारी है. अभी तक यहां लाए गए चीतों में से 8 की मौत हो चुकी है. चीतों की लगातार हो रही है मौत को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान गुरुवार को कहा कि पिछले सप्ताह दो और चीतों की मौत हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर इन सभी चीतों को अलग-अलग क्यों नहीं रखा गया. कोर्ट ने साथ ही कहा कि चीतों को बचाने के लिए हमे कुछ सकारात्मक कदम भी उठाना होगा. 

कोर्ट ने कहा कि अफ्रीका से जितने चीते लाए गए थे उनमें से 40 फीसदी की मौत हो चुकी है. जबकि इन्हें लाए हुए अभी एक सा पूरा भी नहीं है. मौत का यह आंकड़ा यह कोई अच्छी बात नहीं है. कोर्ट की इस टिप्पणी पर केंद्र सरकार की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि मामले पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस प्रतिष्ठित परियोजना के लिए सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है. भाटी ने कोर्ट को बताया कि अभी तक 8 चीतों की मौत हुई है जबकि पिछले साल 20 चीतों को लाया गया था.

उन्होंने कहा कि चीतों को नई जगह पर बसाने के दौरान 50 प्रतिशत तक की मौत को सामान्य माना जाता है.  इसपर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा अगर ऐसा है तो फिर मुद्दा क्या है. क्या वो हमारी जलवायु के अनुकून नहीं हैं? क्या इन चीतों को किडनी या श्वसन संबंधी समस्याएं?. इसपर ASG ने कोर्ट को बताया कि आखिर किस वजह से उन चीतों की मौत हुई है. जिसके कोर्ट ने केंद्र सरकार को इन चीतों को राजस्थान भेजने की सलाद ही है. 

बता दें कि जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 1 अगस्त को सुनवाई करेगा. 

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