न्याय की जीत! बारपेटा में पत्नी और बेटी के हत्यारे को मौत की सजा; 2 साल में आया ऐतिहासिक फैसला

बारपेटा जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायिक इतिहास में सुनाई गई यह पहली मौत की सजा है. अदालत ने अभियुक्त ऋषभ दास को अपनी पत्नी और बेटी की नृशंस हत्या के लिए फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

असम के बारपेटा जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक ठाकुरिया ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2023 के दोहरे हत्याकांड के एक अभियुक्त को मौत की सजा सुनाई है. बारपेटा जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायिक इतिहास में सुनाई गई यह पहली मौत की सजा है. अदालत ने अभियुक्त ऋषभ दास को अपनी पत्नी और बेटी की नृशंस हत्या के लिए फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है.

यह भयावह घटना 13 अक्टूबर 2023 को बारपेटा के गांधी नगर में हुई थी. ऋषभ दास ने अपनी पत्नी बिनीता दास और बेटी हिया दास की कुल्हाड़ी से काटकर क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी थी. हायर सेकेंडरी की छात्रा हिया एक होनहार लड़की थी, जिसका जीवन उसके अपने पिता की क्रूरता के कारण दुखद रूप से समाप्त हो गया.

इस जघन्य अपराध के तुरंत बाद, बारपेटा पुलिस ने उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. यह अभियुक्त पहले भी हिंसक रहा है. दोहरे हत्याकांड से लगभग आठ साल पहले, ऋषभ दास ने अपनी एक छोटी बहन पर भी कुल्हाड़ी से हमला किया था, जिससे उसकी एक उंगली कट गई थी.

लगभग दो साल तक चली सुनवाई और कानूनी कार्यवाही के बाद, बारपेटा ज़िला एवं सत्र न्यायालय ने अब यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इस फैसले को न्याय का एक सशक्त संदेश माना जा रहा है, जो यह स्पष्ट करता है कि जघन्य अपराध और अपने ही परिवार के खिलाफ क्रूरता करने वालों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी.

Featured Video Of The Day
Khabron Ki Khabar: शादी से पहले कुंडली मिलाना कितना जरूरी? BHU की रिसर्च में क्या खुलासा?