तान्या, श्रेया, नेविन... जवां सपनों की मौत की 3 रुला देने वाली कहानियां

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित यूपीएससी कोचिंग सेंटर में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने राऊ आईएएस कोचिंग के मालिक और कोऑर्डिनेटर को गिरफ्तार किया था, जिससे इस मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या सात हो गई है.

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कोचिंग सेंटर में भरे पानी में डूबने से तीन होनहार छात्रों की मौत
नई दिल्ली:

दुनिया में हसीन सपने कौन नहीं देखता, लेकिन ये सपने कम ही लोगों के सच होते हैं. कुछ लोग इतने जुनूनी होते हैं कि वो अपनी मेहनत के दम पर अपने सपनों को हकीकत में तब्दील कर ही लेते हैं. इन्हीं सपनों को सच करने के लिए कई युवा अपना घर-बार छोड़कर बड़े शहरों का रुख करते हैं, ताकि वो जिंदगी में कुछ बड़ा कर सके. प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए युवा अलग-अलग शहरों में रहकर जी-तोड़ मेहनत करते हैं, बस इसी आस में कि एक दिन उनका सपना सच होगा और वो आईएएस, आईपीएस या आईएफएस अफसर बनकर ना सिर्फ अपना सपना सच करेंगे बल्कि सफलता की नई इबारत भी लिखेंगे. लेकिन दिल्ली में ऐसे ही तीन होनहार छात्रों के सपने उनकी मौत के साथ हमेशा के लिए टूट गए. दरअसल दिल्ली में हाल ही में बारिश का पानी एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जा भरा, बेसमेंट में भरे पानी में डूबने से यहां आईएएस की तैयरी कर रहे तीन छात्र डूब गए और उनकी मौत हो गई. तीन छात्रों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर दिया है. अब इस मामले में तमाम उठ रहे हैं कि आखिर किसकी चूक की वजह से तीन छात्रों की जान चली गई, उनके परिवारों के सपने टूट गए. 

10 दिन पहले था तान्या का बर्थडे, बेटी की मौत से सदमे में परिवार

दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में हुए हादसे में औरंगाबाद की रहने वाली 24 वर्षीय तान्या की मौत हो गई. तान्या डेढ़ साल से दिल्ली के राजेन्द्र नगर में आईएएस की तैयारी कर रही थी. कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भर जाने से अन्य 2 छात्रों संग डूबने से उसकी भी मौत हो गई. घटना की जानकारी तान्या के परिजनों को टीवी पर खबर देखकर लगी. जबकि महज 10 दिन पहले, ही तान्या ने अपने करीबियों के साथ खुशी-खुशी अपना 21वां जन्मदिन मनाया था. शनिवार की शाम को, तान्या के दोस्तों को उसकी मां का फोन आया. तब उन्होंने कहा, “कृपया तान्या के बारे में कुछ पता करें; उसने कई घंटों से अपना फोन नहीं उठाया है,” कुछ ही देर बाद दोस्तों को पता चला कि जिस लाइब्रेरी में तान्या पढ़ती थी, वहां पानी भर गया है. वे घबरा गए और मौके पर पहुंचे. तब उन्हें पता चला कि तान्या की मौत  हो गई. तान्या के दोस्तों ने उसका शव पहचाना. एक दोस्त ने कहा, "जैसे ही हमें पता चला कि रेस्क्यू चल रहा है, हम घटनास्थल पर पहुंचे. हमें अफरा-तफरी के बीच अपनी सबसे अच्छी दोस्त के बेजान शरीर की पहचान करनी थी."

कविताएं भी लिखती थीं तान्या 

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक तान्या के माता-पिता अपनी छोटी बहन के एडमिशन के लिए नागपुर गए हुए थे, जब उन्हें दोस्तों से अपनी बड़ी बेटी की मौत की खबर मिली. कोचिंग सेंटर से किसी ने उन्हें इस बारे में कोई फोन नहीं किया. तान्या के पिता विजय ने कहा, "उन्हें पता था कि जलभराव कितना भयानक है, फिर भी उन्होंने क्लास नहीं रोकीं. पूरे इलाके में पानी भर जाने के बावजूद, उन्होंने छात्रों को बेसमेंट में रहने दिया. वे, आखिर कैसे किसी को भी ऐसी खतरनाक परिस्थितियों में पढ़ाई जारी रखने कैसे दे सकते थे?" तान्या की एक और करीबी दोस्त, ने बताया: “उसे कविता लिखना बहुत पसंद था. यूपीएससी जैसे मुश्किल एग्जाम की तैयारी के बावजूद, वह हमेशा अपने जुनून के लिए समय निकालती थी, उसका समर्पण प्रेरणादायक था.” मूल रूप से बिहार की रहने वाली तान्या अपने परिवार के साथ तेलंगाना और फिर उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली चली गई थी. उसने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी, जहां उसने राजनीति विज्ञान और अंग्रेजी में बीए की पढ़ाई की थी जो कि अपने सपनों को सच करने में लगी थी.

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श्रेया ने किया था रक्षाबंधन पर आने का वादा, घरवालों को मिली मौत की खबर

कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के बरसावा हाशिमपुर गांव की श्रेया यादव की भी मौत हो गई. जिसकी उम्र 22 साल थी. श्रेया के भाई अभिषेक यादव ने कहा कि उनकी बहन परिवार की लाडली थी, जो पढ़ाई में होशियार थी और उसकी जिला मजिस्ट्रेट बनना की तमन्ना थी. अभिषेक रो-रोकर बुरा हाल है और बता रहा है कि दीदी ने मुझसे रक्षाबंधन में आने का वादा किया था. श्रेया के भाई ने बताया, "हमने उसकी कोचिंग फीस के लिए 1.65 लाख रुपये का लोन लिया था और पिछले मंगलवार को पूरा भुगतान कर दिया, हमने कभी नहीं सोचा था कि हम सिस्टम की लापरवाही के कारण श्रेया को खो देंगे." तीन भाई-बहनों में श्रेया का अकेडमिक रिकॉर्ड शानदार रहा है, उसने सुल्तानपुर के कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीएससी (कृषि) में लगभग 80% और इंटरमीडिएट में लगभग 75% अंक प्राप्त किए हैं और उसका दूसरा भाई अवनीश अभी पढ़ाई कर रहा है.

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श्रेया के पिता राजेंद्र यादव डेयरी आउटलेट चलाते हैं. वहीं श्रेया के चाचा धर्मेंद्र यादव, जो गाजियाबाद में रहते हैं. उन्हें श्रेया के बारे में पता करने के लिए दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह में जाने की सलाह दी गई, जहां उन्हें दस्तावेजों के माध्यम से श्रेया के शव की पहचान करनी पड़ी क्योंकि कर्मचारियों ने पुलिस जांच के कारण उन्हें उसका चेहरा देखने से मना कर दिया था. धर्मेंद्र ने कहा, "श्रेया की मौत सिस्टम की लापरवाही का नतीजा थी और वह मांग करते हैं कि कोचिंग संस्थान के मालिक को गिरफ्तार किया जाए और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए." रिपोर्ट बताती है कि बेसमेंट के जिस कमरे में पीड़ित फंसे हुए थे, उसमें बायोमेट्रिक दरवाजा था जो कथित तौर पर बारिश के पानी के कारण हुए शॉर्ट-सर्किट के कारण जाम हो गया था. 

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केरल के होनहार छात्र की भी मौत

कोचिंग सेंटर में भरे पानी में डूबने से केरल के प्रतिभाशाली छात्र नेविन की भी मौत हो गई. जहां नेविन ने 2017 में अपनी पढ़ाई की उस संस्थान के अधीक्षक बीजू टी ने बताया कि फोन उठाते ही उन्हें इस दुखद खबर के बारे में पता चला. बीजू बताया कि नेविन के पिता केरल में पुलिस के सेवानिवृत्त उपाधीक्षक थे और उनकी मां कलाडी शहर में एक विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थीं. उन्होंने बताया कि 2017 में नेविन ने कला इतिहास की पढ़ाई पूरी कर ली थी. बीजू ने कहा, "वह बहुत ही अध्ययनशील था, मैं यही कह सकता हूं." उसके दोस्तों के अनुसार, नेविन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से दृश्य अध्ययन में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहा था और उसने पहले JNU से ही इसी विषय में मास्टर ऑफ फिलॉसफी (एमफिल) की डिग्री हासिल की थी. वह आठ साल पहले एर्नाकुलम से दिल्ली आया था. एक दोस्त ने बताया, "वह दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में रहता था और उसके माता-पिता केरल में अपने पैतृक स्थान पर रहते हैं." 

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