Amul ने देशभर में दूध की घटाई कीमत, जानिए अब कितने रुपये में मिलेगा 1 लीटर का पैकेट

अमूल गोल्ड, अमूल टी स्पेशल और अमूल फ्रेश के 1 लीटर पाउच की कीमतें पहली बार 1 रुपये से कम कर दी गई हैं. दूध की कीमतों में इस कटौती से आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.

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नई दिल्ली:

गुजरात में डेयरी सेक्टर की दिग्गज कंपनी अमूल ने देशभर में अपने 3 प्रमुख दूध उत्पादों की कीमतें घटाने का ऐलान किया है. अमूल गोल्ड, अमूल टी स्पेशल और अमूल फ्रेश के 1 लीटर पाउच की कीमतें पहली बार 1 रुपये से कम कर दी गई हैं. दूध की कीमतों में इस कटौती से आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. नई कीमतें 24 जनवरी से ही लागू हो गई हैं.

अमूल कंपनी के कस्टमर के लिए खुशखबरी है. देखा जा रहा था कि दूध के दामों में लगातार वृद्धि हो रही थी, मगर कंपनी ने अब ग्राहकों को राहत देते हुए अपनी कीमत घटाई है. अमूल कंपनी ने गुजरात में दूध की कीमत में कटौती कर दी है. अमूल कंपनी ने  फिलहाल अमूल गोल्ड, अमूल ताजा और टी स्पेशल दूध का रेट घटाया है. इस कदम से उपभोक्‍ताओं को अच्‍छी-खासी राहत मिलने की उम्मीद है.

जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ हमने समूचे भारत में एक लीटर वाले पैकेट की कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की है.'' उन्होंने कहा, ‘‘ इसका मकसद उपभोक्ताओं को दूध के बड़े पैकेट खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना है.''

दिल्ली में अमूल गोल्ड दूध की कीमत 68 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 67 रुपये कर दी गई है, जबकि अमूल ताजा की कीमत अब 56 रुपये प्रति लीटर से घटकर 55 रुपये हो जाएगी.

नई कीमतें (दिल्ली-एनसीआर में नई कीमत कीमत)

ब्रांडनई कीमतपुरानी कीमत
अमूल गोल्ड₹67₹68
अमूल फ्रेश₹53₹54
अमूल टी स्पेशल₹61 ₹62

अमूल एक को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोडक्ट कंपनी है. AMUL का पूरा नाम आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड है. इसकी स्थापना 1946 में स्वंतत्रता सेनानी त्रिभुवनदास पटेल के सहयोग से की गई थी. 1940 के दशक में गुजरात में व्यापारियों द्वारा दूध उत्पादक किसानों का खूब शोषण किया जाता था.  उस वक़्त की मुख्य डेयरी पोलसन के एजेंटों द्वारा कम दामों में किसानों से दूध खरीदकर महंगे दामों में बेचा जा रहा था. इसके बाद देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की दशा सुधारने के लिए कई प्रयास किए जाने.

14 दिसंबर 1946 में त्रिभुवन दास पटेल के प्रयासों से अहमदाबाद से 100 किमी दूर आणंद शहर में खेड़ा जिला सहकारी समिति की स्थापना की गई. प्रत्येक गांव के सदस्य दूध इकट्ठा करके खेड़ा जिले में भेजते थे. साल 1949 में त्रिभुवन भाई पटेल ने डॉक्टर वर्गीज कुरियन से मुलाकात कर इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए राजी किया. दोनों ने सरकार की मदद से गुजरात के दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की, जो आज अमूल के नाम से जाना जाता है.

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