Cyclone Tauktae: बार्ज हादसे में 86 के शव मिले, हालत इतनी खराब कि DNA टेस्‍ट के जरिये होगी शिनाख्‍त

सवाल सिर्फ़ यही नहीं है कि तूफान ताउते की जानकारी होने के बाद भी गहरे समंदर में रुकने का फ़ैसला क्यों किया गया. बार्ज के बहुत पुराने होने, ब्लैक लिस्टेड कंपनी से खरीदे जाने और उसकी फिटनेस पर भी सवाल उठ रहे हैं.

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अरब सागर में हुए हादसे में बहे 274 कर्मचारियों में से 188 को बचाया गया (फाइल फोटो)
मुंंबई:

चक्रवाती तूफान ताउते (Cyclone Tauktae) के दौरान अरब सागर में बार्ज और टग हादसे में बहे 274 कर्मचारियों में से 188 को जिंदा निकाल गया जबकि 86 के शव बरामद हुए हैं. समंदर में चार-पांच दिन रहने की वजह से शव इतने खराब हो गए हैं कि 86 में से 31 शवों की शिनाख्त करना मुश्किल हो गया है, इसलिए जिनके लोग अब भी लापता हैं उन परिवारों को DNA टेस्ट के लिए बुलाया गया है ताकि शवों की शिनाख्त हो पाए. पलविंदर सिंह अपने भाई प्रदीप सिंह सैनी के लिए वहीं 10 साल का दिव्यांशु अपने पिता संतोष कुमार यादव की पहचान की ख़ातिर DNA टेस्ट के लिए सैंपल देने आया है. छोटे भाई की तस्वीर हाथ मे लिए पलविंदर कहते हैं, 'हमनें जिंदा इंसान दिया था, ये डेड बॉडी दिखा रहे हैं.' पलविंदर ने कहा, 'कोई कंपनी वाला फॉलो नही लेता. मैथ्यू कंपनी  कॉन्ट्रैक्ट  में हैं वो दिन में कोई कॉल नही करेगी. यही बोलेंगे आकर बॉडी आइडेंटिफाइ करो. ऐसे बात करते हैं. हमने जिंदा इंसान दिया था आपको औऱ आप हमें शव दिखा रहे हो.'

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संतोष कुमार यादव का 10 साल का बेटा दिव्यांशु नाम पूछते ही फफक कर रो पड़ा. दिव्यांशु को उसके मामा उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले से मुंबई DNA टेस्ट के लिए लाए हैं. संतोष के रिश्‍तेदार अनिल यादव कहते हैं, ' संतोष अभी तक मिसिंग हैं. हम खोज रहे हैं.डीएनए के लिए उनके बेटे को लाये हैं.' नन्‍हा दिव्‍यांशु खुद को संभाल नहीं आ रहा. जेजे मार्गपर सभी शव लाकर रखे गये हैं.अब पीड़ितों की मदद के लिए हेल्प डेस्क बना दी गई है लेकिन अभी भी 31 शवों की शिनाख्त होनी बाकी है. इस बीच, पुलिस ने बार्ज P305 के कप्तान के खिलाफ मामला दर्ज किया है लेकिन जानकारों का मानना है  कि P305 बार्ज था जिस पर कप्तान नहीं बल्कि बार्ज मास्टर होता है. बार्ज में अपना इंजन नहीं होता उसे खींचने के लिए टग की जरूरत होती है, इसलिए वो खुद फैसला नही ले सकता था.

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फॉरवर्ड सीमेंस यूनियन ऑफ  इंडिया के महासचिव मनोज कुमार यादव कहते हैं, 'जो बार्ज मास्टर है, मैं उसे कप्तान नही कहूंगा. बार्ज मास्टर मैनेजमेंट और चार्टर के फैसले पर टोटली डिपेंड था. अगर आप उन्‍हें नोटिस भी देंगे कि आप जहाज को लेकर निकलिए तो संभव नहीं है क्योंकि उस जहाज में प्रोपेलर नही था. वो खुद नेविगेट नही कर सकता था उसे टोइंग के लिए जरूरत पड़ती है और टग या टोइंग वेसल है वो चार्टर्ड और मैनेजमेंट तय करता है. सवाल सिर्फ़ यही नहीं है कि चक्रवाती तूफान ताउते की जानकारी होने के बाद भी गहरे समंदर में रुकने का फ़ैसला क्यों किया गया. बार्ज के बहुत पुराने होने, ब्लैक लिस्टेड कंपनी से खरीदे जाने और उसकी फिटनेस पर भी सवाल उठ रहे हैं. यही वजह है कि मुम्बई पुलिस अभी बार्ज की फिटनेस से लेकर जरूरी अनुमति और बार्ज मास्टर और बेस के बीच हुई बातचीत से जुड़े सभी दस्तावेजों को मंगाकर जांच में जुटी है. पुलिस का कहना है कि कार्रवाई उसके बाद ही आगे बढ़ेगी.

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