चक्रवात ‘रेमल' के रविवार देर रात तक बांग्लादेश के तट पर पहुंचने से पहले, जोखिम वाले इलाकों से 8,00,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. चक्रवाती तूफान के बांग्लादेश तट पर आधी रात तक पहुंचने की संभावना है, जिससे समुद्र में ऊंची लहरें उठने तथा देश के तटीय जिलों सतखीरा और कॉक्स बाजार क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना है.
बांग्लादेश मौसम विभाग (बीएमडी) ने दक्षिण-पश्चिम वृहद बारीसाल के लिए अत्यधिक खतरे की चेतावनी संख्या 10, जबकि चटगांव शहर सहित दक्षिण-पूर्वी तटीय क्षेत्रों के लिए अधिक खतरे की चेतावनी संख्या नौ जारी की है. मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के हवाले से बीएसएएस समाचार एजेंसी की खबर में कहा गया है, ‘‘तटीय जिलों के निचले इलाके...और उनके अपतटीय द्वीप में सामान्य ज्वार से 08-12 फुट ऊंचा ज्वार आने से उनके जलमग्न होने की संभावना है.''
आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री मोहम्मद मोहिबुर रहमान ने प्रेस वार्ता में बताया कि आठ लाख से अधिक लोगों को चक्रवात केंद्रों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए तत्काल आधार पर सभी आवश्यक उपाय किए हैं...सभी संबंधित संगठनों को चक्रवात का सामना करने के लिए समन्वित तरीके से काम करने के लिए कहा गया है.''
उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम चक्रवात के आने से पहले 19 जिलों में रहने वाले लोगों को चक्रवात राहत केंद्रों पर लाने में सक्षम होंगे.''
‘डेली स्टार' अखबार की खबर के अनुसार, चक्रवात ‘रेमल' के संभावित परिणामों से निपटने के लिए सभी मंत्रालयों, प्रभागों और अधीनस्थ कार्यालयों के अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. चटगांव बंदरगाह प्राधिकरण ने चक्रवात के तट की ओर बढ़ने के कारण बंदरगाह पर सभी परिचालन निलंबित कर दिया है. ‘ढाका ट्रिब्यून' अखबार के मुताबिक, चटगांव हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन आठ घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया है.
राष्ट्रीय बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस ने चक्रवाती तूफान रेमल के कारण रविवार को कॉक्स बाजार के लिए अपनी उड़ानें निलंबित करने की घोषणा की. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस की जनसंपर्क शाखा के महाप्रबंधक बोसरा इस्लाम ने कहा कि इसके अलावा, कोलकाता के लिए बीजी395 और बीजी391 की उड़ानें क्रमशः रविवार और सोमवार को निलंबित रहेंगी.
बांग्लादेश मौसम विभाग के मौसम विज्ञानी हफीजुर रहमान द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया है कि सुबह 9:00 बजे, चक्रवात चटगांव बंदरगाह से लगभग 380 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था.
हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण की प्रणाली के अनुसार, मानसून-पूर्व मौसम में बंगाल की खाड़ी में यह पहला चक्रवात है और इसे ‘रेमल' नाम दिया गया है, जिसका अरबी में अर्थ रेत होता है. एक मौसम विज्ञानी ने कहा, ‘‘चक्रवात केंद्र के 62 किलोमीटर के भीतर हवा की गति 90-120 किमी प्रति घंटे है, जिसके परिणामस्वरूप तट पर 12 फुट तक ज्वार उठने का खतरा है.''
शनिवार को, आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री मोहम्मद मोहिबुर रहमान ने कहा कि अधिकारियों ने 8,464 चक्रवात राहत केंद्रों को तैयार रखा है और आपदा से निपटने के लिए हर तरह की तैयारियां की हैं.
मोहिबुर ने कहा, ‘‘जिला प्रशासन ने सामाजिक, शैक्षिक और धार्मिक संस्थानों के परिसरों को अस्थायी आश्रय स्थल में तब्दील कर दिया है. साथ ही, तटीय जिलों में 4,000 चक्रवात राहत केंद्र बनाये गए हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवात तैयारी कार्यक्रम के कुल 78,000 स्वयंसेवकों को तटीय जिले में आपदा से निपटने के लिए मुस्तैद रखा गया है.'' मंत्री ने कहा कि लगभग 8,600 रेड क्रिसेंट स्वयंसेवी और अन्य लोग एक अभियान में शामिल हुए, जिसमें सरकारी अधिकारियों के साथ जोखिम वाले स्थानों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया. वहीं, जिला प्रशासन ने उन्हें चक्रवात आश्रय स्थलों तक ले जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की.