- राजस्थान पुलिस ने दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने 4,000 लोगों को ठगा.
- यह गिरोह फर्जी कंपनियां खोलकर ऑनलाइन गेमिंग और इन्वेस्टमेंट के जरिए ठगी करता था.
- जांच को आगे बढ़ाने के लिए ईडी और सीबीआई से केंद्रीय जांच की सिफारिश की गई है.
राजस्थान पुलिस ने ऐसे दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने देशभर में 4 हजार से अधिक लोगों को एक हजार करोड़ का चूना लगाया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम अनूप श्रीवास्तव है, जो गोरखपुर के बरईपुर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है. दूसरा आरोपी रोहित शर्मा, दिल्ली के सागरपुर थाना क्षेत्र का निवासी है. दोनों आरोपी उच्च शिक्षित इंजीनियर हैं. अनूप ने एनआईटी बेंगलुरु से और रोहित ने दिल्ली एनआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.
भरतपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि आरोपी गांवों के लोगों के नाम पर कंपनियां खोलते थे और उन्हें डायरेक्टर बनाकर हर महीने 20-25 हजार रुपये देता था. इन कंपनियों के नाम पर एप्लिकेशन बनाई जाती, जो लेनदेन के लिए इस्तेमाल होती थी. फील्ड एजेंट गांवों से डॉक्युमेंट्स लेकर फर्जी कंपनियां खुलवाते और उनका पूरा डेटा अनूप और रोहित को भेजते थे. ये दोनों किराए पर ऑफिस लेकर उस डेटा से एप्लिकेशन और पेमेंट सिस्टम डेवलप करते थे.
फर्जी कंपनी बनाकर की ठगी
पुलिस जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी शशिकांत और रोहित दुबे ने मिलकर बेंगलुरू में Abundance Payment Solution Private Limited नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई थी. इस कंपनी के जरिए ऑनलाइन गेमिंग और इन्वेस्टमेंट के नाम पर देशभर में हजारों लोगों से ठगी की गई. अभी तक इस कंपनी के खिलाफ 4000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें अकेले फिनो पेमेंट खाते से जुड़ी 3000 शिकायतें सामने आईं थीं.
6 मार्च, 2025 को धौलपुर निवासी हरिसिंह ने साइबर थाने में 15 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. जांच आगे बढ़ने पर देशभर से हजारों शिकायतें सामने आने लगीं. इसके बाद भरतपुर पुलिस ने इस बड़े साइबर ठगी नेटवर्क की परतें खोलीं और अब तक कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
ईडी और सीबीआई जांच की मांग की गई
आईजी राहुल प्रकाश ने कहा कि यह मामला केवल राज्य का नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर की धोखाधड़ी से जुड़ा है. इस कारण उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखकर मामले की जांच ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों से करवाने की सिफारिश की है, ताकि पूरे नेटवर्क को खत्म किया जा सके. पुलिस के मुताबिक इस गिरोह का संचालन मुख्य रूप से शशिकांत और रोहित दुबे करते थे, जो अभी भी फरार हैं. गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.
भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने कहा कि “यह गिरोह देशभर में फैला हुआ है, जिसने हजारों लोगों को ऑनलाइन गेमिंग और इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगा है. जांच को अगले स्तर पर ले जाने के लिए हमने केंद्रीय एजेंसियों से जांच की सिफारिश की है."
सुशांत की रिपोर्ट