छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा में समय के साथ लोगों की जिंदगी अब बदलती नज़र आ रही है. जो ग्रामीण सीआरपीएफ जवानों की वर्दी से भी खौफ खाते थे, वे अब उन्हें ही अपने रक्षक के रूप में देखने लगे हैं. यहां रहने वाले लोग अब सीआरपीएफ के जवानों और वहां तैनात अधिकारियों के आशीर्वाद से अपना वैवाहिक जीवन की शुरुआत कर रहे हैं.
रविवार को सुकमा जिला मुख्यालय में सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया जिसमें 12 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे और उन्होंने अपने नए जीवन की शुरूआत की. सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शादी करने वाले जोड़ों को उपहार दिए. शादी समारोह के दौरान कुछ जवान दुल्हन के भाई बने तो कुछ दूल्हे के रिश्तेदार बने. कार्यक्रम का आयोजन सुकमा मिनी स्टेडियम में किया गया.
सीआरपीएफ की 74वीं कोर के कमांडेंट डीएन यादव ने नवविवाहित जोड़ों को सम्मानित किया. आशीर्वाद के रूप में ₹ 1,100 का टोकन मनी दिया गया और जोड़े को 12 जोड़ी साड़ियां उपहार के रूप में दी गईं. जिला कलक्टर हारिस एस ने कहा कि दूसरी बटालियन द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह एक अच्छी पहल है.
उन्होंने कहा, "कार्यक्रम में भागीदारी सराहनीय है. हम भविष्य में इस तरह के और देखने की उम्मीद करते हैं. जिला प्रशासन इस तरह के कार्यक्रम में पूरा सहयोग करेगा."
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