बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली में 17 साल की लड़की पर तेजाब फेंकने वाले युवक को सार्वजनिक रूप से फांसी देने की मांग की. क्रिकेटर से नेता बने गंभीर ने यह भी कहा कि इस तरह के अपराधों में शामिल लोगों में 'अथाह दर्द का डर' पैदा करने की जरूरत है.
पूर्वी दिल्ली के सांसद गंभीर ने ट्वीट किया, "शब्द कोई न्याय नहीं कर सकते. हमें इन जानवरों में अतुलनीय दर्द का डर पैदा करना होगा. द्वारका में स्कूली छात्रा पर तेजाब फेंकने वाले लड़के को अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए."
जैसे-जैसे हमले को लेकर आक्रोश फैला, लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में तेजाब की उपलब्धता पर भी सवाल उठाए. उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल सहित महिला समूहों और अन्य लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में एसिड की उपलब्धता पर सवाल उठाए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. अपराधियों की इतनी हिम्मत आख़िर हो कैसे गई? अपराधियों को सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए. दिल्ली में हर बेटी की सुरक्षा हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है."
उपराज्यपाल (एलजी) सक्सेना ने इस मामले पर दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से बात की और एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें यह भी शामिल है कि शहर में प्रतिबंध के बावजूद इस्तेमाल किए गए एसिड की खरीद कैसे की गई.
वहीं इस मामले में पुलिस ने कहा है कि पश्चिमी दिल्ली में बाइक सवार दो नकाबपोश लोगों द्वारा लड़की पर तेजाब से हमला करने के कुछ घंटों बाद, उसके पड़ोसी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि लड़की आठ प्रतिशत जल गई है और सफदरजंग अस्पताल के बर्न आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है, आरोपियों ने शायद पीड़िता पर नाइट्रिक एसिड फेंका है.