इन्फ्लुएंसर से मारपीट, छेड़छाड़... क्रिकेटर पृथ्वी शॉ की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने लगाया जुर्माना

फरवरी 2023 में अंधेरी के एक पब में सपना गिल और पृथ्वी शॉ के बीच विवाद हुआ था. गिल का आरोप है कि उनकी दोस्त ने शॉ से सेल्फी मांगी थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और मोबाइल फोन छीनकर फेंक दिया.

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पृथ्‍वी शॉ पर मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप
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  • क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर डिंडोशी सेशंस कोर्ट ने जवाब न देने पर सौ रुपये का जुर्माना लगाया है.
  • सपना गिल ने फरवरी 2023 में पब में हुई हाथापाई और छेड़छाड़ के आरोपों के साथ शॉ पर मामला दर्ज कराया.
  • पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया, जिसके बाद गिल ने मजिस्ट्रेट कोर्ट का सहारा लिया था.
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मुंबई:

क्रिकेटर पृथ्वी शॉ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मुंबई की डिंडोशी सेशंस कोर्ट ने क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर जवाब दाखिल न करने को लेकर 100 रुपये का जुर्माना ठोका है. यह कार्रवाई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल की अर्जी पर हुई सुनवाई के दौरान सामने आई. कोर्ट ने पृथ्वी शॉ को एक और मौका दिया है, ताकि वह अपना जवाब दाखिल कर सकें. 

मामला क्या है?

फरवरी 2023 में अंधेरी के एक पब में सपना गिल और पृथ्वी शॉ के बीच विवाद हुआ था. गिल का आरोप है कि उनकी दोस्त ने शॉ से सेल्फी मांगी थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और मोबाइल फोन छीनकर फेंक दिया. जब गिल ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो कथित तौर पर उनके साथ हाथापाई की गई. गिल ने शॉ पर मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप लगाया.

FIR दर्ज करने से इनकार

इस घटना के बाद गिल ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ. इसके चलते उन्होंने मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया. अप्रैल 2024 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने माना कि शिकायत दर्ज करने में देर हुई है, लेकिन आरोप गंभीर हैं, इसलिए जांच ज़रूरी है. कोर्ट ने सांताक्रुज पुलिस को आदेश दिया कि वह सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच कर रिपोर्ट सौंपे. गिल ने कोर्ट में दलील दी कि पुलिस ने शुरुआती स्तर पर एफआईआर दर्ज न करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. उनके वकील अली काशिफ खान का कहना है कि यह रवैया पीड़ित के साथ नाइंसाफी है और पुलिस सिस्टम की खामियों को दिखाता है.

कोर्ट की नाराज़गी

डिंडोशी सेशंस कोर्ट ने इस मामले में शॉ की ओर से लगातार जवाब दाखिल न करने पर नाराज़गी जताई. फरवरी से लेकर जून तक कई बार समय देने के बावजूद जवाब नहीं दिया गया. 13 जून को कोर्ट ने इसे आखिरी मौका बताया था, लेकिन तब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. 9 सितंबर को जज एस.एम. आगरकर ने जुर्माना लगाते हुए कहा कि अब शॉ को एक और मौका दिया जा रहा है.

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