भारत ने 1983 में पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था. इस ऐतिहासिक जीत का सेहरा पहनने वाली तत्कालीन भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी प्रेरणा देने वाले हैं. अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी के जन्मदिवस पर आयोजित 'अदाणी डे' कार्यक्रम में 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ी शामिल हुए.
वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे कपिल देव ने इस आयोजन में आमंत्रित करने के लिए गौतम अदाणी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि, ''हम आपके साथ अपनी जीत की यादों का जश्न मना रहे हैं. बहुत अच्छा लग रहा है. जैसे आप अपना जन्मदिन मनाते हैं, हम हर साल कल (25 जून) के दिन इकट्ठे होकर अपनी जीत का जन्मदिन मनाते हैं. आपने हमें मौका दिया कि आपकी महफिल में आकर हम थोड़ा समय बिताएं तो बहुत ही अच्छा लगा.''
कपिल देव ने 1983 की जीत को लेकर कहा कि, ''ऐसा लगता है, कल ही हुआ था. कभी-कभी आप कुछ चीजें भूलना चाहो तो लोग भूलने नहीं देते. अपना जन्मदिन तो कोई नहीं भूलता लेकिन दूसरे आपका जन्मदिन याद रखे तो और भी अच्छा लगता है.''
उन्होंने कहा कि, ''गौतम भाई को यह कहना चाहूंगा कि हजारों लोग आपके लिए काम करते हैं. आपकी टीम की कामयाबी है जो आपको यहां पर लेकर आई है. यहां तक आप पहुंचे हैं तो आप अकेले नहीं हो सकते. बहुत लोगों ने मेहनत के साथ आपको यहां तक पहुंचाया. इसी तरह हम अकेले वर्ल्ड कप नहीं जीते, सबकी उतनी ही ताकत या जोश था, जितना मेरा था. तो मेरा ही नहीं, मेरी टीम का ही नहीं, तमाम हिंदुस्तान के लोग जो उस दिन जीतना चाहते थे, उनको भी धन्यवाद कहना चाहता हूं.''
सुनील गावस्कर ने 25 जून 1983 को भारत और वेस्ट इंडीज की टीमों के बीच हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप के फायनल मैच की यादें साझा कीं. उन्होंने इस मैच के दौरान आए विभिन्न रोमांचक क्षणों के बारे में बताया.
इस मैच में मोहिंदर अमरनाथ का प्रदर्शन लाजवाब रहा था. उन्होंने सिर्फ 12 रन देकर 3 महत्वपूर्ण विकेट लिए थे और भारत विश्व चैंपियन बन गया. वे ‘मैन ऑफ द मैच' चुने गए थे. अंतिम विकेट लेने के बाद का अनुभव साझा करते हुए मोहिंदर अमरनाथ ने कहा कि, ''जैसे ही डिसीजन हुआ, मुझे लगा कि हम जीत गए हैं और हमने वेस्टइंडीज को उखाड़ दिया. जब मैं विकेट उखाड़ने जा रहा था, तो मैं तेज भाग कर जा रहा था, विकेट इतना गड़ा हुआ था कि निकला नहीं. क्रिकेट बाल भी वहीं पड़ी थी. मैं चाहता तो तीनों विकेट उखाड़ सकता था, पर मुझे खुशी थी कि हम हिंदुस्तान वर्ल्ड चैंपियन बन गए. इससे बड़ी हमें कोई उपाधि नहीं मिल सकती.''
मोहिंदर अमरनाथ ने एक शेर कहा- ''खुदा की मोहब्बत को फना कौन कर सकता है, अगर हर एक बंदा नेक है तो गुनाह कौन कर सकता है. सलामत रखना मेरे दोस्तों को, वरना मेरी सलामती की दुआ कौन कर सकता है.''
संदीप पाटिल ने कहा कि, ''22 जून को सेमीफाइनल था. यह मेरी मां का जन्मदिन भी था. उन्होंने उससे पहले मुझसे कहा, मैंने अभी तक लाइफ में कुछ भी मांगा नहीं है, तो प्लीज कुछ कर देना. मैंने तब खुद से कहा था कि आज बॉब ब्लिस आए या उसका बाप आए, मैं तोड़ने वाला हूं. मेरी मां की दुआ थी. इस महान टीम का हिस्सा होने का बहुत अच्छा अनुभव रहा.'' उन्होंने गौतम अदाणी को जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं.
कीर्ति आजाद ने कहा कि, ''मुझे याद है सनी भाई (सुनील गावस्कर) ने पिछली बार जब हम मिले तो कहा था कि यह सिर्फ एक टीम नहीं, उससे अधिक एक परिवार है. हम लोग हर वर्ष मिलते हैं. हर बार कोई कार्यक्रम होता है, हम मिलते हैं. वही के वही प्रश्न होते हैं, वही के वही जवाब देने होते हैं. नई बात कर देता हूं, जब पता लगा कि मेरा नाम भारतीय टीम में आ गया, हमें कभी किसी ने कोई मौका ही नहीं दिया था जीतने का. हमने कहा हमें एक महीने का फ्री पेड हॉलिडे मिल गया. सेमी फाइनल में मुझे बालिंग का अवसर मिला. इयान बॉथम उस जमाने के हरफनमौला खिलाड़ी थे. उनका विकेट लेने का मुझे अवसर मिला. बहुत अच्छी स्मृतियां हैं. गौतम भाई को जन्मदिन की हार्दिक बधाई.''
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने कहा, “1983 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनना एक अविश्वसनीय यात्रा थी. दृढ़ संकल्प और टीम भावना. साथ मिलकर, हम प्रतिष्ठित ट्रॉफी वापस लाने के लिए अपने मौजूदा खिलाड़ियों की क्षमता पर विश्वास करते हैं. आईए प्रशंसकों के रूप में एकजुट हों और उन्हें इतिहास रचने के लिए प्रेरित करें."
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