500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में दरार? मध्य प्रदेश के रीवा में बारिश के बाद एयरपोर्ट की दीवार गिरी

स्थानीय लोगों का कहना है कि भारी बारिश की वजह से दीवार के नीचे की जमीन धंस गई, इस वजह से हवाई अड्डे की बाहरी चारदीवारी का एक हिस्सा रात के वक्त ढह गया. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब चारदीवारी टूटी हो - इससे पहले पिछले साल भी बारिशों के दौरान, हवाई अड्डे के चालू होने से पहले भी इस तरह की दरार की जानकारी मिली थी. 

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  • रीवा हवाई अड्डे की चारदीवारी भारी बारिश के कारण धंस गई, जिससे इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना की निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं
  • रीवा हवाई अड्डा पांच गांवों से अधिग्रहित 323 एकड़ भूमि पर 500 करोड़ रुपये की लागत से 18 महीनों में तैयार हुआ था
  • इस हवाई अड्डे का रनवे 2,300 मीटर लंबा है और वर्तमान में 19 सीटों वाले विमानों की उड़ानें संचालित हो रही हैं
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रेवा:

मध्य प्रदेश में 500 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया रीवा हवाई अड्डे की चारदीवारी का एक हिस्सा पूरा होने के कुछ महीनों बाद ही ढह गया है. इससे राज्य की सबसे महत्वकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक की निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि भारी बारिश की वजह से दीवार के नीचे की जमीन धंस गई, इस वजह से हवाई अड्डे की बाहरी चारदीवारी का एक हिस्सा रात के वक्त ढह गया. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब चारदीवारी टूटी हो - इससे पहले पिछले साल भी बारिशों के दौरान, हवाई अड्डे के चालू होने से पहले भी इस तरह की दरार की जानकारी मिली थी. 

बता दें कि रीवा हवाई अड्डे को विंध्य क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी से वर्चुअल माध्यम से इस परियोजना का उद्घाटन करने के साथ, पांच गांवों से अधिग्रहित 323 एकड़ भूमि पर यह हवाई अड्डा रिकॉर्ड 18 महीनों में बनकर तैयार हुआ था.

इस हवाई अड्डे का रनवे 2,300 मीटर लंबा है और वर्तमान में रीवा से भोपाल होते हुए खजुराहो और जबलपुर तक दो उड़ानें संचालित हो रही हैं. हालांकि, अभी यह केवल 19 सीटों वाले विमानों का ही संचालन करता है, लेकिन आने वाले महीनों में इसे 72 सीटों वाले विमानों तक बढ़ाने की योजना है. इस हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से लाइसेंस प्राप्त है और इसे अगले 50 वर्षों तक इस क्षेत्र की सेवा के लिए डिज़ाइन किया गया है.

लेकिन इसके पूरी तरह से शुरू होने से पहले ही, इसकी नींव सचमुच धंसने लगी है. पिछले 24 घंटों में रीवा में 8 इंच लगातार बारिश हुई है. जिले की जीवनरेखा बिछिया और बीहर नदियां उफान पर हैं, जिससे शहर का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है. नदी किनारे बसे कम से कम चार मोहल्ले अब जलमग्न हो गए हैं, जहां घरों और दुकानों में तीन से चार फीट पानी भर गया है.

हैरानी की बात यह है कि गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह का घर भी इससे नहीं बचा. पत्रकारों से बात करते हुए, नागेंद्र सिंह ने कहा, "रीवा शहर तालाब में तब्दील हो गया है. जब तक नदी को गहरा नहीं किया जाता और बाढ़ के मैदान का प्रबंधन नहीं किया जाता, यह समस्या साल-दर-साल जारी रहेगी."

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