महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने सड़क पर दरारों की ओर इशारा करते हुए अतुल सेतु समुद्री पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसे मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के रूप में भी जाना जाता है, जो दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ता है.
पुल का निरीक्षण करने वाले पटोले ने दावा किया कि पुल की निर्माण गुणवत्ता खराब थी और सड़क का एक हिस्सा एक फुट तक टूट गया है. हाथ में एक लकड़ी का डंडा लेकर उसने मामले की गंभीरता को उजागर करते हुए दरारों के बीच की जगह में उसे नीचे कर दिया.
नाना पटोले ने कहा, "उद्घाटन के तीन महीने के भीतर अटल सेतु पुल के एक हिस्से में दरारें आ गई हैं और नवी मुंबई के पास सड़क का आधा किलोमीटर लंबा हिस्सा एक फुट तक धंस गया है. राज्य ने एमटीएचएल के लिए 18,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं."
हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने कहा कि दरारें पुल पर नहीं, बल्कि नवी मुंबई में उल्वे से संपर्क मार्ग पर थीं.
एमएमआरडीए ने कहा, "एमटीएचएल पुल पर दरारों के बारे में अफवाहें फैल रही हैं. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि ये दरारें पुल पर नहीं हैं, बल्कि उल्वे से मुंबई की ओर एमटीएचएल को जोड़ने वाली सड़क पर हैं."
बीजेपी ने एक्स पर पोस्ट किया, "अटल सेतु को बदनाम करना बंद करें." महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि अटल सेतु को कोई खतरा नहीं है और आरोपों को कांग्रेस की "झूठ की मदद से दरार पैदा करने की दीर्घकालिक योजना" का हिस्सा बताया.
देवेंद्र फड़नवीस ने एक्स पर पोस्ट किया, "अटल सेतु पर कोई दरार नहीं है. न ही अटल सेतु को कोई ख़तरा है. ये तस्वीर एप्रोच रोड की है. लेकिन एक बात साफ़ है कि कांग्रेस पार्टी ने झूठ के सहारे दरार पैदा करने की दीर्घकालिक योजना बनाई है. चुनाव के दौरान संवैधानिक संशोधन की बातें, चुनाव के बाद फोन के माध्यम से ईवीएम को अनलॉक करना और अब इस तरह के झूठ. केवल देश के लोग इस 'दरार' योजना और कांग्रेस के भ्रष्ट आचरण को हराएंगे."
परियोजना प्रमुख कैलाश गनात्रा ने कहा, "यह एक सर्विस रोड है. यह मुख्य पुल को जोड़ने वाला हिस्सा है. ये छोटी दरारें हैं और इन्हें भरा जा रहा है और आज ही इसकी मरम्मत कर दी जाएगी. इसके कारण यातायात में कोई बाधा नहीं आई है.
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