देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन (Covid Vaccine For Children) अगस्त तक आ सकती है. पहली बार सरकार की ओर से ऐसे संकेत दिए गए हैं. खबरों के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने बीजेपी सांसदों को यह बताया है. बीजेपी संसदीय दल (BJP Parliamentarian Meeting) की बैठक में उन्होंने यह जानकारी दी है. इससे पहले बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन सितंबर तक आने की संभावना जताई जा रही थी. एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पिछले हफ्ते कहा था कि सितंबर तक बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Children Corona Vaccination) के इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है. देश में जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) की बच्चों के लिए वैक्सीन के ट्रायल अंतिम चरण में है.
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वहीं भारत बायोटेक (Bharat Biotech) भी बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन तैयार करने में जुटी है. वो भी तीसरे चरण के परीक्षण करने में जुटी है. अगर ट्रायल के नतीजे सफल रहे हैं तो बच्चों की कोरोना वैक्सीन को जल्द मंजूरी मिलने की बाद उन्होंने कही थी. बच्चों के लिए कोविड-19 की वैक्सीन के ट्रायल पटना और दिल्ली एम्स में भी हुए हैं. भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन पहले ही देश भर में आपातकालीन मंजूरी के तहत वयस्कों को दी जा रही है. सीरम इंस्टीट्यूट भी बच्चों के लिए अपनी वैक्सीन कोवावैक्स के परीक्षण की तैयारियों में जुटा है.
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दुनिया में अमेरिकी कंपनी फाइजर की कोरोना वैक्सीन बच्चों को लगाई जा रही है. हालांकि इस कंपनी ने भारत में प्रवेश को लेकर कई शर्तें रखी हैं, जिसमें वैक्सीनेशन को लेकर किसी भी कानूनी कार्रवाई से छूट की शर्त शामिल है. वहीं यूरोपीय संघ की स्वास्थ्य नियामक एजेंसी ने 12 से 17 साल के बच्चों के लिए मॉडर्ना की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजने और तीसरी लहर से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है. कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा असर पड़ने की आशंका भी जताई जाती रही है. दिल्ली समेत कई राज्य सरकारों ने भी स्कूलों को खोलने के लिए बच्चों के टीकाकरण को बेहद जरूरी बताया है. कई राज्यों ने बड़ी कक्षाओं के स्कूल तो खोलने का ऐलान कर दिया है, लेकिन आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोलने का जोखिम अभी ज्यादातर राज्यों ने नहीं मोल लिया है.
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