लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के चलते घरेलू व्यापार को 7 लाख करोड़ का नुकसान, CAIT ने वित्तमंत्री से मांगी ये राहतें

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने बताया है कि पिछले 40 दिनों में घरेलू व्यापार को 7 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. व्यापारी संगठन ने वित्त मंत्री से चिट्ठी लिखकर राहत की मांग की है.

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लॉकडाउन के चलते व्यापारियों को नुकसान, CAIT ने वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

कोविड की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था को भी अपनी चपेट में ले लिया है. देश में पिछले महीने में कई राज्यों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का सहारा लिया गया है और इसका असर व्यापारियों पर बुरी तरह से पड़ा है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने बताया है कि पिछले 40 दिनों में घरेलू व्यापार को 7 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. व्यापारी संगठन ने वित्त मंत्री से चिट्ठी लिखकर राहत की मांग की है.

CAIT ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर लॉकडाउन की मार झेल रहे लाखों व्यापारियों के लिए राहत की मांग की है. शुक्रवार को वित्त मंत्री को लिखी चिठ्ठी में व्यापारी संगठन ने कहा है कि पिछले 40 दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू की वजह से घरेलू व्यापार को 7 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.

व्यापारी संगठन CAIT के मुताबिक, कोविड महामारी के कारण देश भर में व्यापारिक गतिविधियां लगभग पूरी तरह से ठप हो गई हैं और गैर कॉर्पोरेट सेक्टर कोविड के चलते बेहद बदतर स्थिति से गुजर रहा है.

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CAIT ने वित्त मंत्री को भेजे पत्र में देश भर के व्यापारियों के लिए राहत पैकेज के तौर पर कई तत्काल वित्तीय राहत उपायों और GST (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स) और आयकर के तहत विभिन्न वैधानिक देय तारीखों को 31 अगस्त, 2021 तक बढ़ाने का आग्रह किया है.

व्यापारी संगठन ने वित्त मंत्री से ये भी मांग की है कि बैंकों को लॉकडाउन की अवधि के लिए व्यापारियों से  ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेने का निर्देश दिया जाए और छह महीने का एक मोरेटोरियम अवधि दी जाए, जिसमें ऋण की ईएमआई का भुगतान करने पर रोक लगाई जाए.

बता दें कि इस बीच शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने अप्रैल 2021 के लिए इकोनॉमिक रिव्यू रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अर्थव्यवस्था के दूसरी लहर की चपेट में होने की बात मानी गई है. मंत्रालय ने कहा है कि वित्तवर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियां कमजोर हो सकती हैं. वहीं अभी इस हफ्ते CMIE ने जारी अपनी ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया है की इस साल मार्च के मुकाबले अप्रैल महीने में 70 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं.

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