कोरोनावायस (Coronavirus) के कारण किसी रिश्तेदार की मौत हो जाने पर प्रशासन से अनुग्रह राशि का दावा करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा निर्धारित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की गयी है. केंद्र सरकार ने यह अर्जी जनहित याचिका के रूप में दायर की है. याचिका में कहा गया है कि अनुग्रह राशि भुगतान करने की प्रक्रिया बिना बाहरी समय सीमा के जारी रखना वांछनीय नहीं हो सकता है. सरकार ने शीर्ष अदालत से वह समय सीमा तय करने की अपील की जिसके अंदर जान गंवाने वाले व्यक्तियों की ओर से दावेदार (उनके रिश्तेदार) अपने दावे की मांग करते हुए प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं.
याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर काफी घट गयी है, लेकिन इस बात का निर्देश देना वांछनीय है कि यदि किसी की मौत कोविड-19 संक्रमण से होती है तो पात्र दावेदार मौत के चार हफ्ते के अंदर सक्षम प्रशासन के पास जा सकता है.
अर्जी में कहा गया है, ‘‘उपरोक्त विषय में 30 जून, 2021 को और उसके बाद इस अदालत द्वारा जारी किये गये आदेशों में चार हफ्ते तक की समय सीमा के लिए संशोधन करें.''
सुप्रीम कोर्ट ने 50000 रूपये की अनुग्रह राशि के लिए फर्जी दावों पर चिंता जतायी थी, यह राशि उन परिवारों के लिए है जिन्होंने कोविड-19 के चलते अपनों को खोया है. शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसने इसकी कल्पना कभी नहीं की थी कि इसका ‘दुरूपयोग हो सकता है' और उसने कभी नहीं सोचा था कि नैतिकता इतने नीचे तक गिर गयी है.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वह समर्पित नोडल अधिकारी की तैनाती करे जो राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) के सचिव सदस्य से कोविड-19 पीड़ितों के परिजनों को अनुग्रह राशि दिलाने में समन्वय करेगा.